रिपोर्ट-जितेन्द्र कुमार जायसवाल
डीबीयस न्यूज़, बर्डपुर/सिद्धार्थनगर: हम सभी जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। लेकिन यहां दुख की घड़ी में उनका साथ कोई नही देने वाला है। उनके मेहनत से उगे गेंहू और चावल का उन्हें उचित भाव नही मिल पा रहा। सिद्धार्थ नगर जनपद में नेपाल सीमा से सटे हिस्सा लगभग 1/4 भाग है। किसान का अनाज सस्ता है क्योंकि नेपाल चावल और गेहूं नहीं जा पा रहा है। गेहूं 1500 रुपए प्रति कुंतल और चावल ₹2000 प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है। जबकि खाद्य तेल 150 प्रति लीटर पहुंच चुका है। डीजल पेट्रोल लगभग एक दाम पर बिक रहे हैं। जबकि डीजल में वृद्धि के चलते सब्जियों की लागत बढ़ जाने से सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। किसान सबसे ज्यादा बदहाली में है क्योंकि यूरिया की जिले में किल्लत भ्रष्टाचार के चलते हो रही है। पुलिसकर्मी और राजस्व अधिकारियों कृषि अधिकारी अपनी जेब भर रहे हैं ऐसा जनता का कहना है। जिसके कारण भारत का यूरिया नेपाल में ब्लैक में बिक रहा है। क्योंकि वहां कीमत दुगनी है। प्रतिदिन लगभग 10000 से अधिक जनता बेरोजगारी के चलते एक , एक बोरी यूरिया साइकिल से नेपाल पहुंचा दे रहे हैं। जिससे जनपद में यूरिया की किल्लत है| अधिकारी दोनों हाथ से लूट रहे हैं और भाजपा नेताओं को जनता का कहना है वह चंदा दे देते हैं। जिस से ऊपर तक उनकी शिकायत नहीं पहुंचती जनता चिल्लाती रह जाती है। किसान डीजल के दामों में वृद्धि से परेशान हैं। छोटे-छोटे यातायात के साधन में लगे वर्कर अपनी रोजी-रोटी नहीं चला पा रहे हैं क्योंकि सवारी नहीं मिल रही है। यहां तक कि रोडवेज बस से घाटे में जा रही है। क्योंकि जनता के पास पैसा ही नहीं रह गया है। सारा पैसा व्यापारी सरकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों के पास जा रहा है शेष आम आदमी बेहाल हैं।