डीबीएस न्यूज, महराजगंज: बीते मंगलवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रदेश भाजपा कार्यालय के गेट नम्बर दो पर मंगलवार को महराजगंज की महिला ने आग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। बुधवार को सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।आत्मदाह करने वाली अंजली तिवारी का मामला गर्माता जा रहा है।
दरअसल, विधानसभा के सामने व भाजपा प्रदेश कार्यालय के गेट नम्बर दो पर मंगलवार दोपहर को महिला ने खुद को आग लगा लिया था। जिसके बाद से महिला का इलाज हजरत गंज के सिविल हॉस्पिटल में बर्न यूनिट में चल रहा था। करीब 24 घंटे के बाद महिला ने 7:15 मिनट पर इलाज दौरान दम तोड़ दिया।
सिविल अस्पताल के प्रबंधन का कहना है कि चिकित्सकों ने महिला को बचाने की भरसक कोशिश की, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। साथ ही कहा कि वह गंभीर हालत में सिविल अस्पताल आई थी।
आत्मदाह के लिए उकसाने के आरोप में लखनऊ पुलिस ने राजस्थान के पूर्व राज्यपाल स्व. सुखदेव प्रसाद के पुत्र व कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष आलोक प्रसाद को हिरासत में ले लिया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार महिला के संपर्क में पूर्व राज्यपाल सुखदेव प्रसाद के बेटे आलोक कुमार संपर्क में थे।
बताया जा रहा है कि रात करीब दो बजे गोमतीनगर आवास से कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आलोक प्रसाद को उठा ले गई। हजरतगंज कोतवाली में पूछताछ किया जा रहा है।
इससे आक्रोशित कांग्रेसियों ने बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज की प्रतिमा के पास धरना दिया।
महराजगंज के वीर बहादुर नगर मोहल्ला निवासी पूर्व जिलाध्यक्ष आलोक प्रसाद की गिरफ्तारी के बाद महराजगंज में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। कांग्रेसियों ने राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के तहत उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है। जैसे ही आलोक प्रसाद को हिरासत में लेने की खबर जिले में पहुंची, जिलाध्यक्ष अवनीश पाल के नेतृत्व में कांग्रेसी सदर कोतवाली पहुंच गए। फिर आद्या प्रसाद खरवार, रेनू गुप्ता, हनुमान प्रसाद, पूर्णमासी प्रसाद, विनोद तिवारी, संदीप, राजेश कुमार सहित अन्य कांग्रेसी नेता धरना शुरू कर दिये।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। सत्ता पक्ष के कुछ लोगों को बचाने का कुचक्र रचा जा रहा है। आलोक प्रसाद को रिहा नहीं किया गया तो कांग्रेसी उग्र आंदोलन के लिए विवश होंगे।
कांग्रेसियों के प्रदर्शन को देखते हुए कलेक्ट्रेट में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई थी। आलोक प्रसाद पिछले दो चुनाव में सदर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर प्रत्याशी रहे हैं।
पढ़िये, क्या है पूरा मामला?
मृतक महिला अंजली के पास मिले एक पत्र में लिखा है कि, उसकी पहली शादी 2014 में महराजगंज के अखिलेश तिवारी से हुई थी। करीब चार साल तक दोनों साथ रहे, फिर मनमुटाव होने पर अलग हो गए। इसके बाद वह आसिफ के संपर्क में आई। उसने धर्म बदलकर आयशा नाम रख लिया और आसिफ से निकाह कर लिया। आसिफ के साथ वह दो-तीन साल रही। आसिफ काम के सिलसिले में सऊदी अरब चला गया। वह आसिफ के घरवालों के साथ रहना चाहती थी, लेकिन उन्होंने साथ रखने से इनकार कर दिया। इससे परेशान महिला ने पुलिस से शिकायत की, लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद वह मुख्यमंत्री से मिलने लखनऊ आई। यहां भी मुलाकात न हो पाने पर उसे कोई रास्ता नहीं दिखा तो आत्मदाह की कोशिश की थी। आरोप है कि आसिफ के परिजन लगातार महिला को प्रताड़ित कर रहे थे। प्रताड़ना से परेशान होकर महिला ने विधानसभा के सामने ज्वलनशील पदार्थ डालकर खुद को आग लगा ली थी। इससे पहले लखनऊ पुलिस ने पूरी जानकारी के लिए पुलिस की एक टीम महराजगंज भेजी गई है।
दअससल, 8 अक्टूबर को यह मामला सामने आया था, महराजगंज के गगहा के सोहगौरा की रहने वाली अंजना तिवारी उर्फ आयशा रजा ने डीआईजी कार्यालय में दिए प्रार्थना पत्र में लिखा था कि उसकी शादी 2012 में महराजगंज जिले के रहने वाले युवक से हुई थी। नशे के आदी पति से अक्सर विवाद होता था। 2015 में पति से रिश्ता टूट गया, जिसके बाद वह महराजगंज कस्बे में अपनी बहन के घर रहकर दुकान पर काम करती थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात महराजगंज कस्बे के वीर बहादुरपुर निवासी आसिफ रजा से हुई। रजा ने उसे अपने प्रेमजाल में फंसा लिया। इसके बाद शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया, पुलिस से शिकायत करने पर मौलवी को बुलाकर निकाह कर लिया।
महराजगंज पहुंचे सीओ आलमबाग, की तहकीकात
उधर अंजली प्रकरण की जांच के लिए लखनऊ के आलमबाग सर्किल के सीओ दिलीप कुमार सिंह मंगलवार की देर रात महराजगंज पहुंचे। उन्होंने स्थानीय एसओ, चौकी इंचार्ज सहित अन्य लोगों से घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता से भी मिले। महराजगंज क्राइम ब्रांच की टीम भी लखनऊ रवाना हो गई है। पुलिस अधीक्षक ने नगर चौकी इंचार्ज महेंद्र यादव को युवती के परिजनों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए झारखंड भेजा है।
मामले की जांच के लिए सीओ आलमबाग महराजगंज आए थे। उन्होंने घटनाक्रम से जुड़े सभी तथ्यों की जानकारी हासिल की है। यहां से क्राइम ब्रांच की टीम को लखनऊ भेजा गया है। लखनऊ में मुकदमा दर्ज है। लखनऊ पुलिस जांच कर रही है।
प्रदीप गुप्ता, एसपी , महराजगंज