डी बी एस न्यूज,महराजगंज: भारत सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों के विकास के लिए सविधान के तहत सभी जिलों के जिला रिसोर्स ग्रुप का निर्माण भारत सरकार ने शासनदेश देकर प्रत्येक जिलों में करवाया तकि ग्रामपंचायत के भ्र्ष्टाचार को खत्म कर ग्राम में रह रहे लोगो का विकास हो और ग्राम पंचायतों में बेहतर सुविधाएं मिले। जिसके तहत प्रत्येक जिलों में पंचायती राज द्वारा लिखित परीक्षा करवाकर चयनित लोगो का इंटरव्यू करवाया और जिला रिसोर्स ग्रुप बनवाया इस रिसोर्स ग्रुप का 5 दिवसीय प्रशिक्षण जिले पर सरकारी खर्च के द्वारा करवाई गई। जनपद के पढ़े लिखे तबके के युवा को इस योजना से अपने क्षेत्र का विकास दिखने लगा और लोग इस योजना मे बखूबी दिलचस्पी भी दिखने लगे। और प्रत्येक जिले के हर ब्लाक पर इन्हें 5-5 की संख्या में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। ब्लाक पर Ado पंचायत और सिकरेट्री द्वारा ये जिम्मेदारी थी कि ब्लाक के अंतर्गत आने वाली सभी पंचायतो से 5 ऐसे लोगों को खुली बैठक करवाकर उन्हें टास्कफोर्स के रूप में ट्रेनिंग दी जाए जो ग्राम के प्रति सभी ग्राम वासियो को जागरूक करे।
ट्रेनिंग के बाद भी उनकी ट्रेनिंग का पैसा बहुत मांग करने पर उन्हें 6 माह बाद अकाउंट में पेमेंट किया गया। लेट लतिफ होने की दलील दिया जाता है। यहाँ तक कि ट्रेनी लोगो को अपने ट्रेनिंग का पैसे की भुगतान के लिए कई बार जनपद के चक्कर भी लगाने पड़े उनसे फ़ाइल मंगाई जाती है रिसोर्स ग्रुप का काम मात्र ट्रेनी का था।
उसके बाद समितियों के सभापति की ट्रेनिंग दिलवाई गयी जिसका पैसा आज 9 माह होने के बाद भी नही दिया गया। जब जिले केे सभी drg मिलकर इसकी शिकायत pmo कार्यलय ओर मुख्यमंत्री igrs पोर्टल पर किये तो आनन फानन में फर्जी रिपोर्ट लगाया गया और जिन बिन्दुओ पर drg ने शिकायत की थी उन सभी विन्दुओ मे 3 विन्दुओ पर गलत रिपोर्ट के साथ निस्तारण कर दिया गया और बोला गया हर हाल में 30 मार्च तक भुगतान कर दिया जाएगा जबकि आज 2 अप्रेल को भी भुगतान नही किया गया और अब जिले के मुख्यविकास अधिकारी पर जिले के DPM ओर अकाउंटेंट गुप्ता द्वारा आरोप लगाया जा रहा कि फ़ाइल दबा के बैठे हो जब तक उनकी साइन नही होती पैसे नही दे पाएंगे।
यही नही जिला रिसोर्स ग्रुप(Drg)को जिले के Dpm द्वारा कई बार बुलाया गया और कोई यात्रा भत्ता नही दिया गया उनका कहना है कि एक बार जिले तक जाने आने का खर्च 150 रुपये लगते हैं। आज तक जिले या ब्लाक से ट्रेनिंग की सूचना नही दी गई।जब भी ट्रेनिग होना था जिले से 1 drg को कॉल कर के बोल दिया जाता रहा कि अन्य को जिले पर आना है आये वहां ट्रेनिंग के लिए मौखिक बताया जाता हैं और ट्रेनिग पर पर दिन कितना मिलेगा यहां तक उन्हें ज्ञात नही कराया जाता। नही शासन देश की कापी दी जाती हैं तकि Drg का दोहन किया जाए।
क्या मुख्यमंत्री जी के पोर्टल के द्वारा जिलापंचायत के अधिकारी उत्तरप्रदेश सरकार को गुमराह कर रहे।या शासन जानबूझकर कर इन लोगों के ऊपर कार्यहवाहि से कतरा रही।