यूपी के गोरखपुर में एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में सोमवार से ओपीडी की शुरुआत हो चुकी है.

डी बी एस न्यूज, गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर में एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में सोमवार से ओपीडी की शुरुआत हो चुकी है. कई सालों से ओपीडी का इंतजार कर रहे लोगों में इलाज कराने के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मरीजों और उनके तीमारदारों की भीड़ उमड़ पड़ी. पीएम मोदी ने रविवार को फर्टिलाइजर मैदान से इसका उद्घाटन किया था, जिसके बाद यहां पर रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया था.दरअसल प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का उद्घाटन करने गोरखपुर आए पीएम मोदी ने रविवार को पूर्वांचलवासियों को गोरखपुर एम्स की सौगात दी. पीएम ने जब एम्स शुरू होने की घोषणा की थी तब ही करीब 400 लोगों का रजिस्ट्रेशन यहां हो चुका था. वहीं अब तक ये संख्या हजार के पार पहुंच गई थी. एम्स की ओपीडी में अभी 10 विभागों के डॉक्टर मरीजों के इलाज के लिए बैठे हैं और जो मरीज उन तक पहुंच रहे हैं उन्हें वह देख रहे हैं।
गोरखपुर एम्स में मेडिसिन, जनरल सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति रोग, बाल रोग, नाक, कान, गला, नेत्र रोग, दंत रोग, हड्डी रोग, चर्म रोग और मानसिक रोग से पीड़ित मरीज ही इलाज कराने के लिए पहुंचे हैं. बाकी अन्य विभागों में इलाज की सुविधा देने में एम्स प्रशासन को कुछ महीनों का समय लगेगा. वहीं सोमवार को जो मरीज एम्स में इलाज कराने के लिए आए थे, उन्हें पूरा भरोसा है कि आने वाले समय में यहां और बेहतर इलाज मिलेगा. वहीं पूर्वांचलवासियों ने कम समय में एम्स की शुरुआत होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की।
गोरखपुर एम्स में इलाज की सारी सुविधा ऑनलाइन है. मरीज चाहें तो इलाज के लिए पर्ची बनवा सकते हैं नहीं तो ऑनलाइन भी बुक करा सकते हैं. एम्स की व्यवस्था जोधपुर एम्स के निदेशक डॉ संजीव मिश्रा की देख-रेख में है. वहीं उप निदेशक प्रशासन की जिम्मेदारी निभा रहे एनआर बिश्नोई ने बताया कि मरीजों को हर संभव बेहतर सुविधा दी जाएगी. लोग भी इसमें सहयोग करें और समय के पाबंद बने, जिससे उनका इलाज बेहतर ढंग से हो सके.करीब 112 एकड़ में 1,100 करोड़ की लागत से एम्स का निर्माण काफी तेज गति से किया जा रहा है, लेकिन एक तय समय सीमा में यहां की ओपीडी शुरू करने की प्रशासनिक प्रतिबद्धता की वजह से ओपीडी की शुरुआत की गई है. यहां पर गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया ही नहीं पूर्वांचल के करीब 20 जिलों और नेपाल, पश्चिमी बिहार के भी मरीज इलाज के लिए पहुंचेंगे।