डी बी एस न्यूज,महराजगंज: गर्मी का मौसम आ गया है। इस मौसम में आग लगने की घटनाएं ज्यादा घटती हैं। इस बीच आग से बचाव के लिए अग्निशमन विभाग की ओर से तैयारी तेज कर दी गई है। उधर, फरेंदा में अग्निशमन केंद्र खोलने के लिए जमीन नहीं मिल रही है, वहीं नौतनवां एवं निचलौल में जमीन मिलने के बाद भी अभी केंद्र के लिए भवन निर्माण का काम शुरू नहीं हुआ है। हालांकि कार्ययोजना तैयार कर अनुमोदन के लिए उसे शासन को भेज दी गई है।विज्ञापन
इस बीच कहा जा रहा है कि वर्तमान में उपलब्ध संसाधनों की बदौलत आग की घटनाओं से निपटना विभाग के लिए चुनौती भरा काम होगा। अगर तीनों अग्निशमन केंद्र चालू हो गए होते तो आग की घटनाओं पर काबू पाने में कर्मियों की सहूलियत होती। जिले में महराजगंज के धनेवा-धनेई एवं सबया में अग्निशमन केंद्र स्थापित हैं। इन्हीं दो केंद्रों से जिले में आग लगने की घटनाओं पर काबू करने के लिए विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचते हैं। जिले में जरूरत को देखते हुए फरेंदा, निचलौल एवं नौतनवां में अग्निशमन केंद्र की स्थापना करने की कवायद शुरू हुई लेकिन यह प्रयास अभी तक सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। फरेंदा में अग्निशमन केंद्र खोलने के लिए विभाग को जमीन ही नहीं मिल रही है। वहीं नौतनवां एवं निचलौल में जमीन तो मिल चुकी है लेकिन शासन को प्रस्तावित कार्ययोजना अनुमोदित न होने के कारण अब तक अग्निशमन केंद्र के लिए भवन निर्माण शुरू ही नहीं हो पाया है। उधर, विभाग की स्थिति यह है कि जिले में अग्निशमन कर्मियों की कमी तो है ही, संसाधनों की भी कमी है। ऐसे में आग लगने की घटनाओं पर काबू पाने के लिए बेहतर ढंग से कार्य हो पाना मुश्किल है। अग्निशमन अधिकारी ओमप्रकाश माथुर ने बताया कि एक-एक बड़ी गाड़ी सिसवा, महराजगंज व फरेंदा तथा एक-एक छोटी गाड़ी श्यामदेउरवा व नौतनवंा में लगाई गई है। श्यामदेउरवा में एक चालक व चार फायरमैन, फरेंदा में एक चालक, एक हवलदार व चार फायरमैन, नौतनवां में एक चालक, एक हवलदार व चार फायरमैन लगाए गए हैं। सिसवा में एक चालक, दो हवलदार व सात फायरमैन तथा महराजगंज में एक अग्निशमन अधिकारी, दो हवलदार व चौदह फायरमैन तैनात हैं। अग्निशमन विभाग में कुल 71 अधिकारियों व कर्मचारियों के पद सृजित हैं लेकिन तैनाती मात्र 45 की है। यहां मुख्य अग्निशमन अधिकारी, दो अग्निशमन अधिकारी, दो चालक, एक हवलदार तथा 20 फायरमैन के पद रिक्त हैं। उधर, जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में आग लगने की 259 घटनाएं हुई थीं। वहीं वर्ष 2018 में 364 और 2019 में अब तक 11 स्थानों पर आग लगने की घटनाएं घट चुकी हैं।