डीबीएस न्यूज, उत्तर प्रदेश: भाजपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने सदन में आवाज उठाते हुए कहा कि उन्होंने पिछले सप्ताह महराजगंज के जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार को फोन करके इस तथ्य से अवगत कराया कि क्षेत्र पंचायतों से पारित किए जाने वाले तमाम प्रस्तावों के मामले में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। भाजपा सदस्य ने आरोप लगाया कि यह बात सुनते ही जिलाधिकारी आग बबूला हो गए और तल्ख अंदाज में बदसलूकी करते हुए उनकी आवाज दबाने का प्रयास किया।
भाजपा सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘जिलाधिकारी का यह आचरण लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है। अभद्र तरीके से बात करके उन्होंने विधायिका के विशेषाधिकार का हनन किया है। लिहाजा आरोपी अधिकारी को सदन में बुलाकर कुछ देर के लिए सदन को न्यायालय में परिवर्तित कर जिलाधिकारी को कठघरे में खड़ा कर उनसे सवाल जवाब किया जाए।’
कई अन्य विधायको ने भी एमएलसी से अभद्रता की किये वकालत
नेता प्रतिपक्ष संजय लाठर ने मामले को बेहद गंभीर करार देते हुए इसे सदन के सदस्यों के विशेषाधिकार के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि पुरानी व्यवस्था के अनुरूप ऐसे अधिकारी को तलब करके इस सदन को न्यायालय के रूप में परिवर्तित करके कार्रवाई की जाए। वहीं, नेता सदन स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि इस मामले में गोरखपुर मंडल के आयुक्त से आख्या मांगी गई है और सरकार इस मामले को देखेगी। इस पर कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह, बसपा सदस्य भीमराव अम्बेडकर, शिक्षक दल के सुरेश कुमार त्रिपाठी व ध्रुव कुमार त्रिपाठी और निर्दलीय समूह के राज बहादुर सिंह चंदेल ने भी ऐसे अधिकारी को तलब करने की वकालत की।
यह बोले सभापति, कायदे से बात करें डीएम
सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि ‘बात सूचना प्रोटोकाल के उल्लंघन की है, इसलिए विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव अस्वीकार किया जाता है, लेकिन नेता सदन संबंधित अधिकारी को कड़ाई से निर्देश दें कि वह सभी जनप्रतिनिधियों से दूरभाष पर शिष्टाचार पूर्वक बात करें और माननीय सदस्य को जो कष्ट पहुंचा है, वह कष्ट दोबारा न हो, इसका भी ध्यान रखें।’
वहीं इस विषय पर जब जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार झा से उनका पक्ष मांगा गया तो वह कुछ भी बोलने से इनकार कर दिए।