डी बी एस न्यूज,गोरखपुर: राष्ट्रपति ने कार्यक्रम में आजादी के संघर्ष के दौरान महंत दिग्विजयनाथ द्वारा महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना, अपने दो महाविद्यालय देकर गोरखपुर विवि की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान देने और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए गोरक्षपीठ की सराहना की। राष्ट्रपति ने शताब्दी वर्ष के लिए ‘सिटी ऑफ़ नॉलेज’ के रूप में गोरखपुर को स्थापित करने का लक्ष्य दिया। उन्होंने प्रसिद्ध समाजसेवी बाबा राघव दास, क्रांतिकारी पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, प्रेमचंद, फिराक गोरखपुरी और गीता प्रेस का राष्ट्रपति ने अपने भाषण में खासतौर पर उल्लेख किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने संस्थान के 10 बच्चों व एक टीचर को सम्मानित किया।
राष्ट्रपति बोले- पूर्वांचल के विकास बिना यूपी का समग्र विकास संभव नहीं
राष्ट्रपति ने कहा कि महाराणा प्रताप ने जनता की रक्षा के लिए हंसते-हंसते वनवासी जीवन का वरण किया था। परिषद के विद्यार्थियों के व्यक्तित्व में उसकी झलक मिलनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि देश में युवाओं की सबसे बड़ी संख्या उत्तर प्रदेश में है। इस युवा शक्ति और संसाधनों का सही इस्तेमाल कर देश प्रगति के पथ पर तेजी से आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के विकास के बिना उत्तर प्रदेश का समग्र विकास नहीं हो सकता।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इच्छा जताई कि, 2032 तक गोरखपुर सिटी ऑफ नॉलेज के रूप में स्थापित हो। उन्होंने इसका संकल्प लेने की अपील करते हुए भरोसा भी जताया है कि गोरखपुर इस कार्य में सफल होगा। योगी आदित्यनाथ के विकास कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि गोरखपुर बदल रहा है। कहा कि मैं नियमित रूप से गोरखपुर आता रहा हूं। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार गोरखपुर आया हूं। यहां पर जो बदलाव मुझे दिखे हैं, वह विकास का प्रतीक है।
इससे पहले सोमवार की सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, यूपी के राज्यपाल रामनाईक के साथ गोरक्षनाथ मंदिर पहुंचे। मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश कर उनका वाहन सीधे गुरु गोरक्षनाथ मंदिर के सामने पहुंचा। वाहन से उतरकर सीधे वह गुरु गोरक्षनाथ मंदिर में पहुंचे। यहां उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दर्शन-पूजन किया। मंत्रोच्चार गुरु गोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ के 101 वेदपाठी छात्रों द्वारा मंदिर के प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी वैदिक के नेतृत्व में किया।