डीबीएस न्यूज, महराजगंज: सीओ सदर अजय सिंह चौहान ने दलित महिला संग दुष्कर्म के मामले में महज 36 घंटे के भीतर विवेचना पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर दिया। इस दौरान साक्ष्य भी संकलित किया। बयान भी दर्ज किया। सीओ के त्वरित विवेचना के लिए पुलिस महकमा में उनकी नजीर दी जा रही है।
मामला श्यामदेउरवा थानाक्षेत्र का है। यहां की एक महिला ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसके साथ मंगलपुर का रहने वाला अजय निषाद नाम का आरोपित दुष्कर्म किया। इसके बाद वह लगातार शारीरिक शोषण किया। पीड़ित महिला की तहरीर पर श्यामदेउरवा पुलिस ने 16 अप्रैल को धारा 323/504/376 आईपीसी व धारा 3(2)5 एससी/एसटी एक्ट के तहत आरोपित अजय निषाद के खिलाफ केस दर्ज की। इस केस की विवेचना सीओ सदर अजय सिंह चौहान को सौंपी गई। सीओ ने विवेचना मिलते ही महज दो दिन के अंदर सीडीआर से आरोपित को लोकेशन हासिल करने के बाद मुखबिर की सूचना पर आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। तीसरे दिन तक पीड़िता व अन्य गवाहों की गवाही के अलावा वैज्ञानिक विधि से साक्ष्यों को एकत्र कर विवेचना पूरी कर चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर दिया। जबकि इस तरह की घटना की विवेचना के लिए 60 दिन का समय निर्धारित है। सीओ सदर अजय सिंह चौहान ने बताया कि विवेचना में देरी से न्याय मिलने में विलंब होता है। आरोपितों का हौसला बढ़ता है।
न्यूज, महराजगंज: डीएसपी सदर अजय सिंह चौहान ने दलित महिला के साथ दुष्कर्म के मामले में महज 36 घंटे के अंदर ही विवेचना पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर दिया। इस दौरान वैज्ञानिक साक्ष्य भी संकलित किया। बयान भी दर्ज किया। सीओ के त्वरित विवेचना के लिए महकमा में उनकी नजीर दी जा रही है।
मामला श्यामदेउरवा थानाक्षेत्र का है। यहां की एक महिला ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसके साथ मंगलपुर का रहने वाला अजय निषाद नाम का आरोपित दुष्कर्म किया। इसके बाद वह लगातार शारीरिक शोषण किया। पीड़ित महिला की तहरीर पर श्यामदेउरवा पुलिस ने 16 अप्रैल को धारा 323/504/376 आईपीसी व धारा 3(2)5 एससी/एसटी एक्ट के तहत आरोपित अजय निषाद के खिलाफ केस दर्ज की। इस केस की विवेचना सीओ अजय सिंह चौहान को सौंपी गई। सीओ ने विवेचना मिलते ही महज दो दिन के अंदर सीडीआर से आरोपित को लोकेशन हासिल करने के बाद मुखबिर की सूचना पर आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। तीसरे दिन तक पीड़िता व अन्य गवाहों की गवाही के अलावा वैज्ञानिक विधि से साक्ष्यों को एकत्र कर विवेचना पूरी कर चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर दिया। जबकि इस तरह की घटना की विवेचना के लिए 60 दिन का समय निर्धारित है।
सीओ सदर अजय सिंह चौहान ने बताया कि विवेचना में देरी से न्याय मिलने में विलंब होता है। आरोपितों का हौसला बढ़ता है।