डी बी एस न्यूज,नौतनवां: पापा, सिल्वर नहीं तो गोल्ड मेडल जरूर लाऊंगी। सफलता के लिए कठिन परिश्रम की जरूरत है। बेहतर ढंग से पढ़ाई कर आप का नाम रोशन करूंगी। पढ़ लिखकर अधिकारी बनने की इच्छा है। बेटी द्वारा कहे हुए इन शब्दों को बोलते हुए अंकिता के पापा राजेश श्रीवास्तव फफक पडे़। वह घटना के बाद बुधवार की शाम मोबाइल फोन पर बातचीत के दौरान फैजाबाद से इन बातों का जिक्र कर रहे थे।
बेटी द्वारा कही गई इन बातों का जिक्र करते हुए राजेश ने कहा कि शायद ईश्वर को यही मंजूर था। परिवार की खुशियों पर पता नहीं कैसे ग्रहण लग गया। कुछ समझ में नहीं आ रहा है। इसके बाद वह सिसक कर रोने लगे। नौतनवां कस्बे के महेंद्र नगर मोहल्ले की रहने वाली अंकिता श्रीवास्तव (20) बीएससी की छात्रा थी। वह लखनऊ के इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ती थी। हास्टल के कमरे में फंदे से लटकते हुए उसका शव मिला। साथ में अंकिता की बड़ी बहन अपराजिता भी पढ़ाई करती हैं। घटना की जानकारी उसने घर पर दी तो सभी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। पिता राजेश अधिवक्ता हैं। मां रंजिता श्रीवास्तव और छोटा भाई अक्षत नौतनवां में रहते हैं। अंकिता अपनी बड़ी बहन के साथ लखनऊ में पढ़ाई कर रही थी। सूचना मिलने के बाद पिता राजेश समेत परिवार के अन्य सदस्य लखनऊ रवाना हो गए। वहां से शव लेकर अयोध्या पहुंचे। जहां अंकिता का अंतिम संस्कार किया गया। घटना के बाद नौतनवां कस्बे में स्थित उनके घर पर सन्नाटा पसरा रहा। घर में रहने वाले किराएदार भी इस घटना से काफी दु:खी हैं। सभी ने कहा कि अंकिता पढ़ने में तेज थी। हंसमुख स्वभाव की थी।