रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद केन्द्र सरकार ने मंगलवार को केन्द्रीय बैंक का नया गवर्नर नियुक्त कर दिया है. केन्द्र सरकार ने पूर्व वित्त सचिव शक्तिकांत दास को रिजर्व बैंक का नया गवर्नर नियुक्त किया है.
सोमवार को पटेल के तत्काल प्रभाव से दिए गए इस्तीफे के बाद नए गवर्नर की रेस में शक्तिकांता दास सबसे आगे चल रहे थे. नियुक्ति से पहले मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच मुलाकात हुई. इस मुलाकात के बाद शक्तिकांत दास के नाम पर मुहर लगी. मौजूदा समय में दास वित्त आयोग के सदस्य हैं. गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 को घोषित हुई नोटबंदी के वक्त वित्त सचिव रहे दास ने नोटबंदी की पूरी प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई थी.
उर्जित पटेल ने इस्तीफा देने के पीछे निजी कारण बताया है. हालांकि जानकारों का मानना है कि एक महीने पहले केन्द्रीय बैंक बोर्ड की बैठक में आरबीआई गवर्नर और केन्द्र सरकार के बीच तालमेल की बात सामने आई थी.
इस बैठक में तय किया गया था कि दोनों केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक मिलकर एक एक्सपर्ट समिति का गठन करेगी. इस एक्सपर्ट समिति को दोनों केन्द्र सरकार और आरबीआई के बीच टकराव की स्थिति को समझना और उसका हल निकालने का दायित्व था.
खास बात है कि उर्जित पटेल की तत्काल प्रभाव से दिए गए इस्तीफे के बाद अब नए गवर्नर इस एक्सपर्ट समिति का गठन करेंगे. जाहिर है उर्जित पटेल और केन्द्र सरकार के बीच इस समिति को गठित करने पर सहमति नहीं बनी और इस्तीफे से पटेल ने साफ संकेत दे दिया है कि वह इस समिति के गठन में कोई भूमिका नहीं निभाना चाहते हैं.
उर्जित पटेल के इस्तीफे पर पूर्व केन्द्रीय बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रिजर्व बैंक के स्वायत्तता को सुरक्षित रखने की जरूरत है. राजन ने कहा कि यह पूरे देश को जानने की जरूरत है कि आखिर क्यों इस पैदा पर बैठे आदमी को इस्तीफा देने की जरूरत पड़ी?
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