महराजगंज जनपद के प्रथम संसद, पूर्वांचल के माने जाने वाले गांधी, भारतीय संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य एवं जवाहरलाल नेहरू पी जी कालेज के संस्थापक की पुण्यतिथि पर डीबीएस न्यूज टीम संघर्षों के प्रतिमूर्ति प्रो शिब्बन लाल सक्सेना को याद कर उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया।
प्रो सक्सेना का पूरा जीवन ही देश की सेवा के लिए तत्पर था गाँधीवादी बिचार धारा के कट्टर समर्थक कहे जाने वाले प्रो सक्सेना के सकारात्मक प्रभाव और तेज ब्यक्तित्व को खासा याद किया गया।
संघर्ष और सादगी तथा लोगों को संगठित करने की अद्भुत क्षमता रखने वाले स्वतंत्रता संग्राम के महानायक सिब्बन लाल सक्सेना भले ही नहीं हैं लेकिन उनकी कृतियां और उनका जीवन दर्शन आज भी यहां के ही नहीं बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के जेहन में विद्यमान है।
स्वतंत्रता संग्राम में पूर्वी यूपी के बार्डर वाले इलाके के युवाओं में देश प्रेम की भावना को भरने वाले सेनानी सिब्बन लाल सक्सेना देश के पहले आम चुनाव में 1952 में महराजगंज के सांसद बने। उन्हें यहां की जनता ने अपार स्नेह दिया और भारी वोट से संसद में भेजा। पहली बार चुनाव में सक्सेना जी ने निर्दल चुनाव लड़ा लेकिन समर्थन किसान हित पार्टी का रहा। इसके बाद फिर 1957 मे लोक सभा का आम चुनाव हुआ जिसमे दूसरी बार फिर तराई की जनता ने सिब्बन लाल सक्सेना को लोक सभा में भेजने के लिए सांसद निर्वाचित कर भेजा।
बताते हैं कि सिब्बन लाल जी संसद के अन्दर यहां की गरीबी और जमींदारी प्रथा के खिलाफ जमकर आवाज उठायी और सरकार को उनके सवाल से सहमत होना पड़ा। इसके बाद वह 1967 में भी सांसद चुने गये।
इसके बाद कांग्रेस, जद, भाजपा सपा के संासद हुए। लेकिन कोई यहां से मंत्री नहीं हुआ। 1989 में यह जिला गोरखपुर से अलग होकर स्वतंत्र जिला बना।
वैसे सक्सेना जी मूलत:बरेली जिले के रहने वाले थे जो महात्मा गांधी के गोरखपुर मे आयोजित जनसभा से प्रभावित होकर उनके निर्देश पर स्वाधीनता आंदोलन मे 7 अप्रैल 1929 मे कूच कर गये। उसके बाद से पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिले में अंग्रेजों के खिलाफ जमीन तैयार करने में जुट गये। जो मुकाम पाने तक जारी रहा।
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शिक्षण संस्थाओं की स्थापना
महराजगंज:
यहां के सांसद रहे सिब्बन लाल सक्सेना ने गरीबी के साथ अशिक्षा को दूर करने के लिए शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में शिक्षण संस्थाओं की स्थापना की जो इस वक्त इण्टर कालेज व पीजी कालेज के रुप मे चल रहे हैं। लोगों के जेहन मे सक्सेना का नाम आज भी है। सभी लोग अदब के साथ नाम लेते हैं।
इनसेट-
एक नजर में सांसद महराजगंज
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वर्ष- सांसद- पार्टी
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1952- सिब्बन लाल सक्सेना-निर्दल
1957- सिब्बन लाल सक्सेना-निर्दल
1962- महादेव प्रसाद -कांग्रेस
1967- महादेव प्रसाद -निर्दल
1971- सिब्बन लाल सक्सेना-निर्दल
1977- सिब्बन लाल सक्सेना-जनता पार्टी
1980- असफाक हुसैन अंसारी-कांग्रेस
1984- जितेन्द्र सिंह -कांग्रेस
1989- हर्षवर्धन -जनता दल
1991- पंकज चौधरी- भाजपा
1996-पंकज चौधरी- भाजपा
1998-पंकज चौधरी- भाजपा
1999- कुवर अखिलेश सिंह- सपा
2004- पंकज चौधरी- भाजपा
2009- हर्षवर्धन -कांग्रेस
2014-पंकज चौधरी- भाजपा
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