डीबीएस न्यूज: शहर में नियमों का पालन कराने जुटी ट्रैफिक पुलिस की सख्ती से हेलमेट की बिक्री बढ़ गई है। साथ ही बाजार में ऐसे हेलमेट की भरमार हो गई है, जो बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। लोग भी औने-पौने दामों पर सड़क किनारे बिक रहे हेलमेट खरीद रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि ऐसे हेलमेट से सिर्फ चालान की प्रक्रिया से बचा जा सकता है। लेकिन हादसे में सिर में लगने वाले चोट को रोक पाने का मकसद पूरा नहीं होगा।
आईएसआई मार्का में फर्जीवाड़ा
पब्लिक की सुरक्षित यात्रा के लिए हेलमेट जागरुकता अभियान चल रहा है। एक तरफ ट्रैफिक पुलिस रोजाना लोगों को हेलमेट पहनाने के लिए जागरूक करती है। वहीं दूसरी ओर नियमों की अनदेखी करने पर उनका चालान भी काटा जाता है। पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए ज्यादातर लोग सस्ते दामों पर काम चलाऊं हेलमेट पहनने लगे हैं। इसका फायदा उठाते हुए फर्जी आईएसआई मार्का वाले लोकल हेलमेट भी बेचे जा रहे। दोयम दर्जे का हेलमेट बेचने की दुकानें पूरे शहर में नजर आने लगी हैं। सस्ते हेलमेट बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि लोग उनसे काम चलाऊं हेलमेट मांगते हैं। कहते हैं कि पुलिस के चालान से बचने के लिए ही चाहिए।
इस तरह से करें हेलमेट की पहचान
बाजार में आधे से अधिक हेलमेट नकली बिक रहे हैं।अच्छी क्वालिटी का केाई हेलमेट सस्ते दाम पर नहीं मिलेगा।सस्ते हेलमेट तीन सौ रुपए में आसानी से बाजार में मिल जाते हैं।बढि़या हेलमेट बनाने में करीब साढ़े चार सौ रुपए का खर्च आता है।
ये हैं नए मानक-
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, 15 जनवरी के बाद केवल आईएसआई प्रमाणित हेलमेट्स ही बेचे जाएंगे।
यह हेलमेट ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड के आईएस 4151:2015 के मानकों पर खरे होने चाहिए।
आईएस 4151:2015 के नए मानकों के अनुसार, नए हेलमेट का अधिकतम वजन 1.2 किलोग्राम होना चाहिए। अब यह सीमा 1.5 किलोग्राम है।
बिना आईएसआई मानक बनाने, बेचने और भंडारण करने वालों पर कानूनी कार्यवाही होगी।
इंडस्ट्रियल हेलमेट पहनने वालों पर की जाएगी कार्यवाही।