रिपोर्टर रतन गुप्ता सोनौली /नेपाल25/6/2023
डीबीएस न्यूज, सोनौली: कराची स्थित गैंगस्टर हाजी सलीम के तार अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े हुए हैं। ये दोनों भारत और श्रीलंका में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) विद्रोही समूह को दोबारा सक्रिय करना चाहते हैं जिसके लिए तस्करी करते हैं। भारत की कई जांच एजेंसियां इब्राहिम की डी-कंपनी के भारतीय संपर्कों की पहचान करने पर अपना फोकस बनाए हुए हैं।
भारतीय एजेंसियों ने पाया है कि कराची स्थित गैंगस्टर हाजी सलीम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़ा हुआ है। यह दोनों मिलकर बड़े पैमाने पर तस्करी के माध्यम से श्रीलंका और भारत में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) विद्रोही समूह को पुनर्जीवित करने के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस बात की जानकारी सूत्रों की ओर से दी गई है।
एक-दूसरे के संसाधनों का करते हैं इस्तेमाल
पाकिस्तान और हिंद महासागर में करोड़ों डॉलर के ड्रग्स नेटवर्क के पीछे का मास्टरमाइंड माने जाने वाले सलीम को अक्सर कराची में दाऊद के क्लिफ्टन रोड स्थित आवास पर देखा गया है। यह संदेह है कि इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के सक्रिय समर्थन से वो दोनों तस्करी के लिए एक-दूसरे के संसाधनों का उपयोग करते हैं।
इब्राहिम की डी-कंपनी के भारतीय संपर्कों की पहचान कर रही एजेंसियां
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राजस्व और खुफिया निदेशालय (डीआरआई) सहित एजेंसियां पूरे आपराधिक नेटवर्क को खत्म करने के लिए सलीम के साथ-साथ इब्राहिम की डी-कंपनी के भारतीय संपर्कों की पहचान करने पर काम कर रही हैं।
पिछले महीने 12,000 करोड़ रुपये की नशीले पदार्थ की खेप बरामद
पिछले महीने एक ज्वाइंट ऑपरेशन में, एनसीबी और नौसेना ने हिंद महासागर में एक मदर शिप को रोककर 12,000 करोड़ रुपये के मूल्य की 2,500 किलोग्राम उच्च शुद्धता वाली मेथमफेटामाइन जब्त की थी। खेप डेथ क्रिसेंट (ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के तस्करी मार्ग के लिए गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिया गया नाम) से उत्पन्न हुई थी और बलूचिस्तान प्रांत में मकरान तट से भेजी गई थी।
ड्रग सोर्सिंग के मामले में सलीम का नाम शामिल
पिछले हफ्ते, भारत में लिट्टे के पुनरुद्धार से संबंधित जांच में 13 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर करते हुए, एनआईए ने कहा कि श्रीलंकाई ड्रग माफिया के सदस्य सलीम से ड्रग्स की सोर्सिंग कर रहे थे। इसमें कहा गया, “आरोपी ने गुप्त व्यापार को अंजाम देने के लिए विभिन्न विदेशी व्हाट्सएप नंबरों का इस्तेमाल किया।”
तालिबानी शासन के बाद बढ़ा ड्रग तस्करी का काम
सूत्रों ने बताया, “भले ही डी-कंपनी के नेटवर्क को 90 के दशक के अंत में भारतीय एजेंसियों द्वारा समाप्त कर दिया गया था, यह संभव है कि उसके पुराने संपर्क सलीम के सिंडिकेट के साथ काम कर रहे हो, क्योंकि अगस्त 2021 में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद समुद्री और भूमि मार्ग के माध्यम से नशीली दवाओं का व्यापार बढ़ गया है। सलीम कराची में दाऊद के आवास पर देखा गया है और चौबीसों घंटे सशस्त्र गार्ड उसकी सुरक्षा करते हैं।”
गुप्त प्रयोगशालाओं में बनते हैं नशीले पदार्थ
सलीम आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ काम करता है और भारत, मालदीव, श्रीलंका और कुछ मध्य पूर्व देशों में तस्करी की देखरेख करता है। उसका कार्टेल बलूचिस्तान में कई गुप्त प्रयोगशालाएं संचालित करता है, जहां से हेरोइन के पैकेट आते हैं।नेपाल मे भी बनाये गये है गुप्त प्रयोशाला
समुद्री मार्ग के जरिए तेजी से हो रही तस्करी
ऐसा अनुमान है कि भारत में कुल मादक पदार्थों की 70% तस्करी समुद्री मार्गों से होती है और अधिकांश खेप के पीछे सलीम का नेटवर्क है। एक दूसरे अधिकारी ने कहा, “सलीम के कार्टेल द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली 90 के दशक में डी-कंपनी के समान है, जहां समुद्र के बीच में मदर बोट (बड़े जहाज) से छोटी मछली पकड़ने वाली नौकाओं और नावों तक तस्करी का आदान-प्रदान होता था।”पाकिस्तानी एयरलाईन्स से आतंकीओ की आना जाना तेज होगया है पाकिस्तानी दूतावास मे बनाई जा रही है भारत बिरोधी योजनाये खुली सीमा का फायदा उठा रहे है कई बडे आतंकी चीन भी कर रहा है भारत बिरोधी योजनाओ मे समर्थन ।