रिपोर्टर रतन गुप्ता 23 May 2023
डीबीएस न्यूज। लोकसभा चुनाव के नजरिये से उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण स्थान है। दिल्ली की कुर्सी का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर गुजरता है। इसका कारण है कि यहां सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें हैं। जो पार्टी जितनी ज्यादा सीटों पर कब्जा जमा लेगी वही केंद्र में सरकार बनाने में सफल रहेगी।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जोरदार जीत से पूरी कांग्रेस पार्टी उत्साहित है। अगले साल लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। मिशन 2024 की तैयारी में पार्टी अभी से जुट गई है। खासकर उत्तर प्रदेश के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं। कांग्रेस यूपी की उन 19 लोकसभा सीटों पर ज्यादा फोकस करेगी। ये वो सीटें हैं जहां 2014 और 2019 लोकसभा चुनावों में पार्टी पहले या दूसरे स्थान पर रही थी। इनमें वह सीटें भी शामिल हैं जहां कांग्रेस के तीसरे स्थान पर रहने पर भी उसे एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे। आइए आपको बताते हैं कि वो 19 लोकसभा सीटें कौन सी हैं जहां कांग्रेस पूरे जी-जान के साथ जुटने जा रही है।
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर जीत नसीब हुई थी। यह सीट थी रायबरेली जो कांग्रेस का पुराना गढ़ है। यहां से सोनिया गांधी विजयी हुईं। अमेठी में राहुल गांधी, फतेहपुर सीकरी में राज बब्बर और कानपुर में श्रीप्रकाश जायसवाल दूसरे नंबर पर रहे। इसी चुनाव में अकबरपुर, धौरहरा, बाराबंकी सुरक्षित, गाजियाबाद,सहारनपुर, हमीरपुर, कुशीनगर, लखनऊ, संतकबीरनगर, उन्नाव और वाराणसी में कांग्रेस तीसरे स्थान पर थी। तीसरे नंबर पर रहने के बावजूद उसे एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे। कांग्रेस उम्मीदवार को सहारनपुर में 2.07 लाख, बाराबंकी में 1.59 लाख, लखनऊ में 1.80 लाख, उन्नाव में 1.85 लाख और वाराणसी लोकसभा सीट पर 1.52 लाख वोट मिले थे।
– अब 2014 लोकसभा चुनाव की बात करते हैं। प्रतापगढ़, मिर्जापुर, लखीमपुर खीरी और रामपुर सीट पर कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी। इसके बावजूद प्रत्याशियों को एक लाख से ऊपर वोट मिले थे। प्रतापगढ़ मे 1.38 लाख वोट मिले थे। बाकी तीनों लोकसभा सीटों पर डेढ़ लाख से ज्यादा वोट मिले थे। ये वे 19 सीटें हैं जहां इस बार कांग्रेस पूरा ध्यान देने जा रही है।
यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी का कहना है कि कर्नाटक की जीत के बाद अब पूरा फोकस लोकसभा चुनाव पर है।