रिपोर्ट- ओमप्रकाश जायसवाल
डीबीएस न्यूज, सोनौली: भारत-नेपाल की सोनौली सीमा पर आज का दिन एसएसबी और पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा सकता है। जहां एक तरफ दोपहर दो बजे नेपाल से भारत में प्रवेश कर रही एक विहार नंबर की स्कार्पियो गाड़ी से सीट के नीचे छिपा कर रखा गया लगभग 71 किग्रा चरस बरामद किया गया है। इस सिलसिले में सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने स्कार्पियो में बैठे दो महिला और दो पुरूषों को हिरासत में ले लिया।
वहीं दूसरी तरफ सोनौली थानाध्यक्ष अभिषेक सिंह के नेतृत्व में संयुक्त रूप से पुलिस और 66 वीं वाहिनी एसएसबी की टीम ने सोनौली कोतवाली क्षेत्र के रजिया घाट से शाम 4 बजे तीन नेपाली महिलाओं के पास से 38 Kg चरस किया है। गिरफ्तार महिलाओं में शारदा निवासी रोल्पा नेपाल, प्रशंसा निवासी रूकुम नेपाल और सरू निवासी साल्यान की बताई गई है।
तीनों महिलाएं चरस लेकर नेपाल की तरफ से पगडंडी रास्ते से पैदल ही सोनौली कोतवाली क्षेत्र के रजिया घाट के रास्ते भारत में प्रवेश कर रही थीं। इसके बाद इन्हें भारतीय सीमा में पकड़ लिया गया।
वहीं आज ही सुबह सोनौली कोतवाली क्षेत्र के श्यामकाट गांव के पास एक नेपाली नागरिक के पास से लगभग 10 Kg चरस बरामद किया गया था।
बता दें कि आज सोनौली बार्डर पर एसएसबी के इनपुट पर एसएसबी जवानों ने नेपाल से भारत में प्रवेश कर रही बिहार की स्कार्पियो गाड़ी नंबर BR 22 P 1255 को जांच के लिए रोका। जवानों ने डाग स्क्वायड के जरिए जब स्कार्पियो की तलाशी ली तो सीट के नीचे छिपाया गया लगभग 71 किग्रा चरस बरामद हुआ। जवानों ने स्कार्पियो को अपने कब्जे में ले लिया और उसमें बैठी दो महिलाओं और दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लोगों से खुफिया एजेंसियां पूछताछ में जुटी हुई है।
इस संबंध में एनसीबी के इंस्पेक्टर पंकज कुमार दूबे ने डीबीएस न्यूज को बताया की अभी जांच चल रही है। स्कार्पियो गाड़ी विहार के बेतिया की बताई जा रही है। अभियुक्तों से गहनता से पूछताछ जारी है।
एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट महावीर भामू, द्वितीय कमांडेंट वासूपल्ली भोगराजू, सोनौली थानाध्यक्ष अभिषेक सिंह, चौकी प्रभारी अनघ कुमार समेत एसएसबी और पुलिस जवानों के संयुक्त आपरेशन से यह सफलता हाथ लगी है।
आज एक दिन में अनुमानित कुल 90 करोड़ के 120 Kg चरस की बरामदगी की गई। जो कि एक रिकार्ड है।
वहीं सवाल यह भी है कि जब बॉर्डर पे सुरक्षा एजेंसियां मुस्तैदी के साथ चौकस है तो इतनी बड़ी मात्रा में चरस कैसे भारत मे पहुंच जा रहा?