डीबीएस न्यूज, नौतनवां: नगर सहित पूरे जनपद में तमाम कम्प्यूटर शिक्षा संस्थान चल रहे है। जिनमे से अधिकांश बिना मान्यता के संस्थान बच्चों को लोक लुभावन प्रचार कर कंप्यूटर शिक्षा देने के नाम पर ठग रहे है।
इसकी शिकायत नौतनवां नगर के एक कंप्यूटर संस्थान के निदेशक राजीव शर्मा ने NIELIT महानिदेशक, तकनीक एवम सूचना मंत्रालय, शिक्षा मंत्री, महराजगंज जिलाधिकारी को शिकायत पत्र भेज फर्जी कंप्यूटर संस्थाओं पर कार्यवाही करने की मांग की है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि जनपद में तमाम ऐसे कंप्यूटर संस्थान संचालित है जो खुद को टेक्निकल डिग्री कॉलेज का नाम भी दे देते है। और ये संस्थान केवल कम्प्यूटर शिक्षा के नाम पर फर्जीवाड़ा कर छात्रों को गुमराह कर के छात्रों और उनके अभिभावकों का आर्थिक शोषण कर रहे है।
ये फर्जी संस्थान विज्ञापन में स्वयं को उत्तर प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त दर्शा कर बिना किसी सरकारी मान्यता के सिर्फ सोसाईटी रजि. के आधार पर डीसीए ( डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन) एडीसीए (एडवान्स डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन) पीजीडीसीए (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन) एडीएफए (एडवान्स डिप्लोमा इन फाइनेन्सियल एकान्टिंग) नाम के फर्जी कोर्स चला रहे है और स्वयं छात्रों को अधकचरी जानकारी देकर स्वयं कप्यूटर से प्रिन्ट कर डिप्लोमा प्रमाणपत्र प्रदान कर देते है यही नही कुछ संस्थान तो अपने पोस्टर में भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार का लोगो, राष्ट्रचिन्ह, नाइलिट का लोगो भी लगा रहे है और संस्थान के आगे डिग्री कालेज जैसे शब्दों का प्रयोग करते है, जिससे छात्र गुमराह होकर प्रवेश ले लेते है, जबकि शासनदेश के तहत कोई भी डिप्लोमा प्रमाणपत्र सिर्फ राज्य सरकार या केन्द्र सरकार के संस्थान द्वारा जारी किया जाता है तभी उसके प्रमाण पत्र सरकारी एवं प्रतिष्ठित कम्पनियों में रोजगार के लिये मान्य होते है, और यदि कोई प्राइवेट संस्था इस प्रकार के प्रमाण पत्र जारी करता है तो वह पूर्ण रूप से फर्जी होता है, जानकारी के अभाव में छात्र विज्ञापन देखकर गुमराह होते है और समय और धन की हानि कर लेते है।
यही नही अधिकांश संस्था भारत सरकार की संस्थान ( नाइलिट) राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा बिना मान्यता प्राप्त किये सीसीसी कोर्स चला रहे है और परीक्षा सूचना के लिये छात्रों का डायरेक्ट यानि व्यक्तिगत छात्र के रुप में नाइलिट की साइट पर पंजीकरण करा कर फर्जीवाडा कर रहे है।
उक्त कृत्य से जहाँ छात्रों का समय और पैसा बर्बाद होता है और छात्रों को अधकचरी जानकारी और फर्जी प्रमाण पत्र मिलता है इसी के साथ ही साथ शासन के मानको को पूरा कर मान्यता प्राप्त करने वाले संस्थानों का मनोबल भी टूटता है और राज्य सरकार के संस्थान जैसे पॉलिटेक्निक, एवं आई टी आई, यूपी इलेक्ट्रानिक्स यूपीडेस्को, एवं केन्द्र की संस्था नाइलिट के मान्यता प्राप्त संस्थान तक छात्र गुमराह होकर नही पहुँच पाते है, जिसके फलस्वरुप सूचना तकनीक के क्षेत्र में यहाॅ के छात्र पिछड़ रहे है।
उक्त के सम्बंध में उच्चाधिकारियों से शिकायत किया गया है कि जल्द से जल्द ऐसे संस्थानों को बन्द कराकर उनपर विधिक कार्यवाही की जाए।