डीबीएस न्यूज, लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इसी के साथ पंचायत प्रतिनिधियों का अधिकार खत्म हो जाएगा इसके बाद से नई ग्राम पंचायत के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी वहीं इस मामले पर बात करते हुए विधान परिषद उत्तर प्रदेश के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय ने कहा कि ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को पूरा हो रहा है सरकार से हमारी मांग है कि अगले ग्राम पंचायत चुनाव तक ग्राम प्रधानों का कार्यकाल बढ़ाया जाए। जिससे की ग्राम पंचायतों का चल रहा विकास कार्य सुनिश्चित हो सके । ग्राम प्रधानों का कार्यकाल अगर नहीं बढ़ा तो विकास कार्य निश्चित रूप से बाधित होगा उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान किसी भी योजना और कार्यक्रम को जन सुविधाओं का ध्यान रखकर क्रिया वन्य कराते हैं ग्राम सभा और क्षेत्र के विकास में ग्राम प्रधान की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है वह अपने अनुभव से बुनियादी सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करते हैं ग्राम पंचायतों में पड़े अधूरे कार्य पूरा कराने में सक्षम है अन्य लोगों के माध्यम से ग्राम स्तर का कार्य पूर्ण रूप से सुनिश्चित नहीं हो ।
पूर्व सभापति ने कहा कि 25 दिसंबर के बाद अगर सरकार जिन लोगों को भी जिम्मेदारी देगी वह निश्चित तौर पर अनुभव से परे हैं सरकार को ग्राम प्रधानों के कार्यकाल बढ़ाए जाने पर एक बार विचार करना चाहिए ।