डीबीएस न्यूज, नौतनवां: नौतनवा कस्बे में स्थित गरीब नवाज जामा मस्जिद में रविवार की शाम सीरत एडुकेशनल चेरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा उर्से मख्दूमी व महफ़िले इसाले सवाब आयोजन कर लोगों में लंगर वितरण किया गया।
कार्यक्रम में सम्मिलित हुए नौतनवा तहसील क्षेत्र के उलेमाओ के अलावा पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से आए उलेमाओं ने मखदूम सिम्नानी के बताए मार्ग पर चलकर ही मंजिल हासिल की जा सकती है।
कार्यक्रम का शुभारंभ हजरत क़ारी नुरूलहोदा मिस्बाही ने क़ुरआने पाक की तिलावत से किया। मुफ़्ती सादिक़ मिस्बाही साहब ने मख्दूम ए सिमनानी की दी हुई शिक्षा और मानवसेवा के विषय पर खेताब करते हुवे कहा कि हम बुजुर्गों को मानते तो हैं पर उनकी नहीं मानते। अगर वाक़ई में हम अपने बुजुर्गों से मोहब्बत करते हैं तो हमें उनके किरदार और दी हुई तालीम पर अमल करने की सख़्त जरूरत है। अगर हम उनके चाहने वाले हैं तो हमे भी शरीयत पर अमल करने के साथ साथ खुद भी इल्म हासिल करें और अपनी औलाद को भी तालीम की तरफ तवज्जो दे।
सीरत ट्रस्ट के एडिटर मौलाना गया गयासुद्दीन मिस्बाही ने कहा कि हज़रत मुफ़्ती निजामुद्दीन नूरी बेशुमार खूबियों के मालिक थे। मौलाना मिस्बाही ने मुफ़्ती साहब के दोनों पुत्रों सुहेल अहमद एवं मोहम्मद अफजल को सय्यद वहाज के द्वारा शॉल और माला पहनवाकर उनकी हौसला अफ़जाई करवाई ।
मुफ़्ती सादिक़ मिस्बाही , मौलाना गयासुद्दीन मिस्बाही, क़ारी नुरुलहोदा मिस्बाही, मौलाना इज़हार फैजी, मौलाना खैरूद्दीन अलिमी क़ारी वजूद आलम अशरफी, मौलाना कमरे आलम अलीमी, मौलाना महबूब क़ादरी, मौलाना जुल्फिकार, मौलाना अब्दुल्ला निजामी, मौलाना रफ़ीक़ फैजी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
प्रोग्राम के आयोजक सीरत एजुकेशनल चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष मास्टर मोहम्मद शमीम अशरफी, सय्यद वहाज अहमद , मास्टर वसीम सिद्दीकी , महबूब आलम, शमशाद खान, इमरान खान ,मुराद अली ,मोहम्मद हबीब अशरफी, मोहम्मद फिरोज अशरफी मोहम्मद मोबीन, रफ़ीक़ अशरफी, बदरे आलम , शकील अंसारी, जहीर अंसारी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।