योगेन्द्र जायसवाल, सिद्धार्थनगर/शोहरतगढ़
डीबीएस न्यूज, सिद्धार्थनगर। शोहरतगढ़ कस्बा वार्ड संख्या 7 सुभाष नगर की रहने वाली शीला देवी कसौधन की 15 वर्षीय पुत्री रानी कसौधन की निर्जन स्थान पर हुई हत्या को एक वर्ष बीत चुका है, लेकिन आज तक पुलिस ने न तो मुकदमा दर्ज किया और न ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रति परिवार को दी।
01 दिसंबर 2024 को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 730 के बानगंगा रोड किनारे झाड़ियों में रानी का शव मिला था। मां शीला देवी ने शव की पहचान कर बलात्कार के बाद हत्या का आरोप लगाते हुए स्थानीय थाने में अज्ञात के विरुद्ध लिखित तहरीर दी थी। पुलिस ने मुआयना और पोस्टमार्टम तो करवाया, लेकिन उसके बाद फाइलों में मामला दफन कर दिया गया।
एक साल तक खामोश कराने का दबाव
पीड़िता शीला देवी का कहना है कि घटना के बाद से ही उन्हें मामला दबाने और कहीं न जाने की धमकियां मिलती रहीं। डरी-सहमी मां अपने दो छोटे बच्चों की सुरक्षा के भय से चुप बैठी रही। अब जब तत्कालीन SHO विन्देश्वरी मणि त्रिपाठी का स्थानांतरण हो गया, तो शीला देवी ने हिम्मत जुटाई।
मुख्यमंत्री से लेकर महिला आयोग तक लगाई गुहार
पीड़ित मां ने अब अपनी बेटी के न्याय की लड़ाई तेज करते हुए —
👉 मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश
👉 उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग
👉 जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर
👉 पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थनगर
को रजिस्टर्ड शिकायत पत्र भेजा है। इसके बाद वह निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सौरभ कसौधन के साथ एसपी सिद्धार्थनगर के कार्यालय पहुंचीं और मामला दर्ज कर दोषियों को सजा दिलाने की मांग उठाई।
एसपी सिद्धार्थनगर का बयान
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थनगर डॉ. अभिषेक महाजन ने कहा: “घटना एक वर्ष पुरानी है और उस समय की एसपी सुश्री प्राची सिंह के कार्यकाल की है। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।”
मां की दहाड़ — न्याय कब मिलेगा?
पीड़िता शीला देवी का कहना है:
“पुलिस और कुछ लोगों द्वारा मुझे चुप रहने का दबाव बनाया गया। अब पैसे का लालच दिया जा रहा है। मैं बेटी के हत्यारों को सजा दिलाना चाहती हूं, पर मुझे और मेरे बच्चों को खतरा है।”
सवाल कटघरे में — आखिर किसे बचा रही है पुलिस?
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और अपराध पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली सरकार की उसी धरती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि शोहरतगढ़ में —
एक मां एक साल से अपनी बेटी की हत्या की एफआईआर दर्ज कराने के लिए दर-दर भटक रही है।
क्या यही है नारी सुरक्षा का दावा?
क्या इसी तरह अपराधियों को संरक्षण मिलेगा?
और कब मिलेगा रानी कसौधन को न्याय?