रिपोर्ट- रतन गुप्ता
डीबीएस न्यूज, सोनौली: नेपाल मे आज ७३ वां प्रजातन्त्र दिवस मनाया जा रहा है । इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे हैं । सरकारी और देश भर में स्वेच्छिक रुप में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर यह दिवस मनाया जा रहा है।
प्रजातन्त्र दिवस के अवसर में शनिवार एक वक्तव्य जारी करते हुए पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र ने कहा है कि –अब देश को बचाने तथा प्रजातन्त्र के लिए अपरिहार्य राजनीतिक दलों और लम्बें समय देशभक्तिपूर्ण ऐतिहासिक विरासत वाले राजसंस्था से आपसी विश्वास के साथ सहकार्य करने में बिलम्ब नहीं होनी चाहिए । उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा है कि पिछले कुछ वर्षो में देश के दीर्घकालीन शान्ति, स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय सम्मान और संप्रभुता चरमराने लगी है और कुशासन, भ्रष्टाचार, आर्थिक शिथिलता और सामाजिक अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई है । साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सत्ता की बागड़ोर जिसके–जिसके हाथ में गया उसने जनता के सुख, शान्ति और राष्ट्र के समृद्धि में योगदान नहीं दिया।
उन्होंने सत्ता में आए नेताओं पर आरोप लगाया है कि नेताओं ने देश और जनता की बातों को ध्यान में नहीं रखा है। देश में रोजगार नहीं मिलने के कारण युवाओं में निराशा है। वो अपना देश छोड़ विदेश जा रहे हैं।
आज भी बहुसंख्यक नेपाली जनता की ईच्छा है कि देश में राजा आए । लेकिन राजा ने हमेशा जनता की ईच्छा का सम्मान किया है और यह राजसंस्था की परम्परा रही है । लेकिन देश प्रतिकुल अवस्था में होने के कारण अब वो मौन नहीं रह सकते हैं।
पूर्वराजा ज्ञानेन्द्र शाह ने अपने वक्तव्य में कहा है कि –विकट से विकट परिस्थिति के प्रतिकूल क्षणों में भी हमने अपना संयम और देशभक्ति नहीं खोई और देश को भी नहीं छोड़ा। लेकिन हम नेपाल के लगातार हो रहे पतन पर अब चुप नहीं रह सकते।