डीबीएस न्यूज। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार मंकीपॉक्स से 19 देश प्रभावित हो चुके हैं और 131 से ज्यादा लोग मंकीपॉक्स से पीड़ित हैं। इसके कई लक्षण हैं जिनसे आप शायद अंजान होंगे। किसी भी वायरस की तरह मंकीपॉक्स वायरस से बचने के लिए भी कुछ जरूरी सावधानी बरतना बेहद जरूरी है जिसके लिए इसकी सही जानकारी होनी चाहिए। मंकीपॉक्स किस तरह शरीर को प्रभावित करता है यह भी जान लीजिए-
डॉ. दुर्गेश नन्दन, (पशुचिकित्सक)
साइंटिफिक ऑफिसर, जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र, कैम्पियरगंज- गोरखपुर के अनुसार, मंकीपॉक्स चिकनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स की तरह ही एक ओर्थोंपॉक्सवायरस है। लेकिन, मृत्यु दर के मामले में यह स्मॉलपॉक्स से कम प्रोब्लमेटिक है। मंकीपॉक्स अपने नाम के अनुसार बंदरों से फैलने वाला वायरस नहीं है।
मंकीपॉक्स क्या है?
मंकीपॉक्स मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है। यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था। यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है और कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में पहुंच जाता है।
बीमारी के लक्षण
जब आप मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित होते हैं तो इसका पहला लक्षण 5 से 21 दिनों के अंदर दिखना शुरू हो जाता है। इस दौरान आपको बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, कंपकंपी लगना, थकान, पीठ दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं।
इन सभी लक्षणों के दिखने के बाद त्वचा पर इसका असर दिखने लगता है। शरीर पर दाने निकल आते हैं। हाथ-पैर, हथेलियों, पैरों के तलवों और चेहरे पर छोटे-छोटे दाने निकलने लगते हैं। ये दाने घाव जैसे दिखते हैं और खुद सूखकर गिर जाते हैं। और अपने आप दूर होते चले जाते हैं। मामले गंभीर भी हो सकते हैं। हाल के समय में, मृत्यु दर का अनुपात लगभग 3-6 प्रतिशत रहा है, लेकिन यह 10 प्रतिशत तक हो सकता है। संक्रमण के वर्तमान प्रसार के दौरान मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है।
संक्रमण का प्रसार कैसे होता है?
मंकीपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क के माध्यम से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। ऐसा माना जाता है कि यह चूहों, चूहियों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है।
यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर के माध्यम से फैलता है। यह वायरस चेचक की तुलना में कम संक्रामक है और कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है।
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इनमें से कुछ संक्रमण सेक्स के माध्यम से या फिर शारिरिक करीब आने से भी संचरित हो सकते हैं।
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