डीबीएस न्यूज, गोरखपुर: गोरखनाथ थाना क्षेत्र के धर्मशाला चौकी अंतर्गत सुमेर सागर निवासी मनीष का 8 वर्षीय पुत्र शिवम का सुमेर सागर ताल में डूबने से हुआ मौत। मौत की सूचना प्राप्त होते ही सदर तहसील व पुलिस विभाग के आला अधिकारी पहुंच कर शिवम को जिला चिकित्सालय पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने 8 वर्षीय बालक शिवम को किया मृत घोषित कर दिया।
शिवम आज दोपहर में अपने अन्य दो दोस्तों के साथ सुमेर सागर ताल में नहा रहा था। डूबता हुआ देखकर कबाड़ बीनने वाले कबाड़ी शिवम को पानी से किसी तरह बाहर निकाले । जिसकी सूचना तत्काल सदर तहसील व पुलिस विभाग को दी गई। घटना स्थल पर तत्काल वरिष्ठ अधिकारी पहुंचकर परिजनों व मोहल्ले वालों के सहयोग से तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया ।जहां जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने शिवम को मृत घोषित कर दिया। शिवम के लाश को जिला चिकित्सालय के बॉडी टेंपरेचर कक्ष में रख दिया गया है ।बीआरडी मेडिकल कॉलेज पोस्टमार्टम के लिए लाश को भेजा जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि शिवम की मृत्यु तालाब में डूबने से हुआ या अन्य कोई कारण से शिवम के पिता मनीष सुमेर सागर ऑटो पार्ट्स लाइन में ऑटो पार्ट्स का व्यवसाय करते हैं। शिवम के बाबा चंद्राचल प्रसाद चित्रगुप्त मंदिर में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत हैं ।
परिवार के सदस्यों का कहना था कि हमारे नन्हे से बच्चे शिवम का पोस्टमार्टम न कराया जाए लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि बच्चे का मृत्यु डूबने से हुआ या किन्ही अन्य कारणों से बरहाल परिवार जनों का रोते-रोते बुरा हाल हो गया है।
मनीष के 2 पुत्र 8 वर्षीय शिवम व 5 वर्षीय विराट थे शिवम सबसे बड़ा था जो आज डूब गया छोटा बेटा विराट बचा हुआ है। परिवार के सदस्यों का कहना था कि सुमेर सागर ताल को भू माफियाओं द्वारा पाटकर अस्तित्व समाप्त कर दिया गया था। लेकिन अब भू माफियाओं पर लगाम लगाते हुए सुमेर सागर ताल को पुनः पुराने वास्तविक स्वरूप में लाने के लिए पूरा तालाब बनवाया जा रहा जिसमें बरसात का पानी भर गया और उसमें हमारा बच्चा नहाते समय डूब गया और उसकी मृत्यु हो गई अगर ताल नहीं खोदा गया होता तो बरसात का पानी नहीं भरता और हमारे बच्चे की जान बच जाती। सुमेर सागर ताल को बेहतर ताल बना कर सौंदर्यीकरण कराया जाए जिससे पर्यटक सुमेर सागर ताल को देखने आए उससे पहले मोहल्ले वासियों के बच्चों की सुरक्षा के लिए चारदीवारी बना दिया जाए जिससे बच्चे तालाब में न जा सके। और उनकी सुरक्षा हो सके।