डीबीएस न्यूज, नौतनवां/महराजगंज: उत्तर प्रदेश के नौतनवां कस्बे में विजयादशमी के दिन लगभग 67 सालों से लगातार रावण दहन होता चला आ रहा है। इन 67 सालों में बहुत कुछ बदल गया लेकिन हिन्दू धर्म की यह परंपरा नौतनवां नगर में आज भी रामलीला कमेटी द्वारा सजोई जा रही है। यह लोगो के आस्था का प्रबल प्रतीक है।
नौतनवां नगर के सब्जी मंडी में होने वाली रावण दहन के लिए इस बार 36 फुट का रावण का पुतला बनाया गया है। रामलीला मैदान सब्जी मंडी में ही श्रीराम, रावण, कुम्भकर्ण, मेघनाथ, हनुमान व अक्षय कुमार के प्रतीकात्मक युद्ध के बाद रावण के पुतले का दहन आज मंगलवार को सायं 5:15 पर होगा।
नौतनवा रामलीला कमेटी के अध्यक्ष लालमन प्रसाद जायसवाल का कहना है कि 1956 में जमीदार चौधरी खानदान ने रामलीला का मंचन प्रारंभ कराया था इसके बाद 1962 से 1968 तक हजारी प्रसाद जायसवाल की देखरेख में रामलीला होने लगी, उस समय कमेटी का गठन नहीं हुआ था। जब उनके बड़े भाई विश्वनाथ प्रसाद जायसवाल ने 1968 में कार्यभार संभाला उस समय श्री रामलीला कमेटी नौतनवा का गठन हुआ। उन्होंने 1990 तक जिम्मेदारी का निर्वहन किया। वहीं दशहरा के मौके पर रावण के पुतले का दहन भी होता है।
गोरखपुर से कपड़ा मंगाकर रावण का पुतला बना
इस बार नौतनवा में रावण 36 फुट का बन कर तैयार है। यह 21 दिन में बनकर तैयार हुआ है। इसकी लागत 15 से 20 हजार रुपये की है। कपड़े नौतनवा बाजार और गोरखपुर से भी मंगाए गए हैं। पुतले का दहन 24 अक्तूबर को रामलीला मैदान सब्जी मंडी में होगा। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष लालमन प्रसाद जायसवाल ने बताया कि नौतनवा के ठाकुर मंदिर परिसर में निर्माण हो रहा है। इसको बनाने वाले घनश्याम धरिकार है, जो पुरंदरपुर के निवासी हैं।
नेपाल के कई गांवाें से लोग आते हैं
– रामलीला कमेटी के अध्यक्ष लालमन प्रसाद जायसवाल ने बताया कि नौतनवा का रामलीला का मेला विजयदशमी के उपलक्ष में मनाया जाता है। इस दिन रावण के पुतले का दहन होता है। सब्जी मंडी में नेपाल के बैरघाट,बोगड़ी, त्रिलोकपुर, मझगावां,कटया,बगौली हरदी ,परसिया, मदनपुर, शिवपुर, गोनहा, मर्यादपुर ,भुवरी और भारतीय गांव के हरदी डाली, खनुआ, कैथवलिया उर्फ बरगदही, जारा, त्रिलोकपुर, पहुनी, लोहसी, पुरैनिहा, खोरिया बाजार, कड़जहिया, सोनपिपरी, जगरनाथपुर, बरवाभोज आदि गांव के लोग भी आते हैं।
रामलीला देखने के लिए लोग बैठने के लिए घर से लेकर आते थे बोरा
लालमन प्रसाद जायसवाल कहते हैं कि नगर के सब्जी मंडी में दशहरा मेला लगता है। जिसमें नेपाल सहित अनेक गांवों के दर्शन आते हैं। एक समय था, जब रामलीला मंचन के दौरान दरी व कुर्सियों की व्यवस्था नहीं रहती थी। कलाकार भूमि पर ही मंचन करते थे। लोग बैठने के लिए बोरा घर से लेकर आते थे। वर्ष 1990 में उनको कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया उस समय रामलीला के मंचन में 5600 खर्च हुए, लेकिन आज एक से डेढ़ लाख रुपये तक खर्च पहुंच जाता है।
इस दौरान मुख्य रूप से रामलीला कमेटी के अध्यक्ष लालमन प्रसाद जायसवाल, उपाध्यक्ष विन्ध्याचल जायसवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद कुमार पटवा, महामंत्री नित्यानंद गुप्ता, आय-व्यय निरीक्षक उमाशंकर जायसवाल, सलाहकार मंत्री राजाराम जायसवाल, रामरूप जयसवाल, राधेश्याम सिंह, बद्री अग्रहरि, संरक्षक मनीष वर्मा, नन्दलाल जायसवाल, कार्यकारिणी सदस्य शत्रुघ्न प्रसाद सोनी, अशोक रौनियार आदि मौजूद है।

