डीबीएस न्यूज, महराजगंज: व्यवसायिक और नकदी खेती करके किसान अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं। इसके लिए विभागीय सहित विभिन्न संस्थाओं द्वारा समय समय पर तकनीकी जानकारी भी उपलब्ध कराई जा रही है।हमारे देश को कृषि प्रधान देश कहा जाता है, परन्तु बिना महिलाओ के हमारे यहाँ की खेती नहीं हो सकती। खेती का ज्यादातर कार्य महिलाएं ही करती हैं , हम इस मंच के माध्यम से महिलाओं को बधाई देते हैं। उन्न्होने बताया कि किसान सम्मान निधि प्राप्त करने वाले सभी किसानो को किसान क्रेडिट कार्ड बनाने की योजना है। उक्त बातें जिला कृषि अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने नगर में स्थित एक संस्था द्वारा आयोजित फार्मर एग्रो प्रोड्यूसर ( एफपीओ) के उद्घाटन अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि अब किसानों को कम लागत पर अधिक उत्पादन प्राप्त करने पर जोर देना होगा । इसके लिए मृदा परीक्षण करा कर संतुलित मात्रा में उर्वरक प्रयोग करना होगा। जैविक खेती भी लाभदायक है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्र्थित आरसेटी के डायरेक्टर रमेश चन्द्र सिंह बृजवाल ने कहा कि आरसेटी के माध्यम से महिलाओ को विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण प्रदान कर उनको उद्यमी बनाने का काम किया जा रहा है।
स्थानीय पी जी कालेज के समाजसेवी डॉ शांति शरण मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि महिलाये आज समाज को नयी दिशा प्रदान करने का काम कर रहीं हैं। पंचायती राज में महिलाओं को एक नयी दिशा प्रदान करने के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है,जिससे महिलाये लीडर के रूप में विक्सित हो सकी हैं।
वर्मी कल्चर को नयी दिशा प्रदान करने वाले समाजसेवी नागेन्द्र पाण्डेय जी ने बताया कि किसान अपने किसानी के कार्य को करते हुए केंचुआ पालन जैसे उद्यम को स्थापित करते हुए हम अपने आय में वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने अपने द्वारा लगाये गए कंचा पालन इकाई के माध्यम से लगभग 2000 लोगो को रोजगार प्रदान करने की बात कही।
सर्वहितकारी सेवा समिति के अध्यक्ष विनोद त्रिपाठी ने बताया कि महिलाओ के माध्यम से इस प्रकार के ऍफ़ पी सी के निर्माण से किसानो को एक बेहतर बाज़ार मिलेगा तथा अपने उत्पाद से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
चाइल्ड फण्ड इंडिया के समन्वयक संदीप जी ने कहा कि ऍफ़ पी सी के माध्यम से हम लोग एक बेहतर संगठन , बेहतर उद्यम, बेहतर रोजगार व बेहतर मार्केट प्राप्त कर पाएंगे। यह कार्यक्रम चाइल्ड फण्ड इण्डिया द्वारा १० जनपदों में संचालित है। इसकी ख़ास बात यह है कि इसमें सभी सदस्य महिलाएं ही हैं। हम इस कार्यक्रम को यूरोपियन यूनियन तथा बर्न्फोंदे स्वीडन के आर्थिक सहयोग से संचालित कर रहे हैं।
सृष्टि सेवा संस्थान के सचिव सुनील पांडेय ने बताया कि इस संस्था से सदर ब्लाॅक के 15 गांव के 1500 किसान जुड़े हैं । जिसमें 932 महिला किसान हैं। इन सभी किसानों की आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरण परिवर्तन तथा उद्यमिता विकास के मुद्दे पर प्रशिक्षित करते हुए किसान उत्पादक संगठन ( एफपीसी) के रूप में विकसित किया गया है।
खाद, बीज, कीटनाशक का लाइसेंस प्राप्त कर सदस्य किसानों को उचित मूल्य पर उन्नतिशील बीजों का वितरित किया गया है। वर्तमान में 200 एकड़ में बासमती की सीआरएस-30 प्रजाति धान रोपित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।
उक्त संस्थान का विभिन्न कंपनियों के साथ अनुबंध किया गया है। जिससे किसानों के उत्पादन का उचित मूल्य मिलेगा। सृष्टि वोमेन फार्मर एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड अध्यक्ष मृणालिनी तिवारी ने बताया कि इस कंपनी को यूरोपियन यूनियन, बार्न फोन्डेन स्वीडेन तथा चाइल्ड फंड इंडिया से सहयोग प्राप्त हो रहा है।
कार्यक्रम का सञ्चालन राकेश कुमार पटेल ने किया .कार्यक्रम में चाइल्ड फंड इंडिया संस्था से संदीप कुमार और विपिन श्रीवास्तव ने भी अपना विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला समन्वयक रीता शर्मा, विजया पाठक, रवि पांडेय, अरविंद, अजय, आदित्य, रेनू, कन्हैया और अनिकेत ने सहयोग प्रदान किया।