डीबीएस न्यूज, सोनौली: बहुचर्चित अंतरराष्ट्रीय सीमा सोनौली बाजार को लेकर चर्चाएं फिर से तेज हो गए हैं। सोनौली बाजार के लिए यह अच्छी खबर है कि अब अंततः बाजार को बचाने का मंथन शुरू हो गया है। मतलब यह साफ है कि सोनौली बाजार फोरलेन के निर्माण में तबाह नहीं होगी।
आपको बता दें कि गोरखपुर से भारत नेपाल सीमा सोनौली बॉर्डर तक फोरलेन सड़क बनाने के लिए एनएचआई द्वारा जमीन अधिग्रहण लगभग अंतिम चरण पर है। इस अधिग्रहण में एनएचआई लगभग 800 करोड रुपए खर्च करेगी।
खबर है कि फोरलेन को सुनौली बॉर्डर से 2 किलोमीटर पहले ही मोड़ कर प्रस्तावित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट से जोड़ दिया जाएगा। वही इसके अलावा एनएचआई ने कोल्हुई और पीपीगंज में बाईपास बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण किया है। एनएचआई ने कुल मिलाकर 123 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर चुका है। बाईपास के लिए 60 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। वहीं मुख्य सड़क पर चौड़ीकरण के लिए 45 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण होगा।
वहीं भविष्य में सिक्स लेन की संभावना को देखते हुए जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है।
सोनौली नगर पंचायत के प्रतिनिधि शिवम त्रिपाठी ने कहा की हमारे पिता स्वर्गीय सुधीर त्रिपाठी ने सुनौली को बचाने के लिए स्वयं को खपा दिया। व्यापारियों के साथ सोनौली बाजार को बचाने के लंबे समय की लड़ाई आज सफल होती दिख रही है। इससे सोनौली और भी समृद्ध बनेगा।
पहले से बने टू-लेन को बिना उखाड़े ही फोरलेन का निर्माण प्रस्तावित है। फोरलेन सड़क बनने के बाद डिवाइडर का एलाइनमेंट नये सिरे से किया जाएगा। सोनौली बाजार में कोई अधिग्रहण नहीं होगा। सोनौली बॉर्डर से दो किलोमीटर पहले से ही फोरलेन मुड़ जाएगा। उसे प्रस्तावित इंट्रीग्रेटेड चेक पोस्ट से कनेक्ट किया जाएगा। अक्तूबर महीने तक अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
सीएम द्विवेदी, परियोजना निदेशक, एनएचएआई