डीबीएस न्यूज, महराजगंज: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उ0 प्र0 महराजगंज के बैनर तले शिक्षकों ने अपर जिलाधिकारी कुंज बिहारी अग्रवाल को मुख्यमंत्री के नाम परिषदीय बेसिक शिक्षकों की लंबित मांगों और मौलिक समस्याओं को लेकर 10 सूत्रीय मांग पत्र देकर समस्याओं के शीघ्र निस्तारण की मांग की।
मुख्यमंत्री के नाम अपरजिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि आठ जनवरी को महानिदेशक स्कूली शिक्षा के यहां से जारी पत्र में विद्यालय की व्यवस्थाओं के लिए प्रधानाध्यापक और शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराते हुए अंक निर्धारित किए जाने की बात कही गई है यह पूरी तरह से निराधार है। शासन इस आदेश को वापस ले। शिक्षकों ने इस कानून को काला कानून और खून चुसवा कानून का संज्ञा करार दिया।
मांगों के संबंध में जिला सयोजक ऋषिकेश गुप्त ने कहा कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा लखनऊ के द्वारा 8 जनवरी 2021 को जारी पत्र में परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और अध्यापकों के वार्षिक गोपनीय आख्या के पैरामीटर्स निर्धारित किये गये हैं इसका शिक्षकों से सीधा संबंध नही होने के बाद भी अंक निर्धारण करना शिक्षकों का शोषण करना है। इस काला कानून पत्र को वापस किया जाये। यह कानून हमारे शिक्षक भाइयों के लिए खुनचुस्वा कानून साबित होगा।
शिक्षकों की यह है 10 सूत्रीय प्रमुख मांगें
- प्रधानाध्यापकों और अध्यापकों के वार्षिक गोपनीय आख्या के पैरामीटर्स निर्धारित करने वाले काला कानून पत्र को वापस लिया जाए।
- बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को भी उत्तराखंड की तरह राज्य कर्मचारी का दर्जा प्राप्त हो।
- विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ तकनीकी बाधाओं को दूर करते हुए दिया जाये।
- प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान अध्यापक पदों पर पदोन्नति पूर्व में सृजित पदों के आधार पर यथाशीघ्र की जाये। साथ ही उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पदों पर भी पदोन्नतियां नियमित रूप से की जाएं।
- विगत कई वर्षों से जनपद के अंदर शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया स्थगित हैए इसलिए जनपद के अंदर शिक्षकों के पारदर्शी स्थानांतरण प्रक्रिया को शैक्षिक सत्र 2021-22 से पूर्व संपन्न किया जाए।
- प्रत्येक शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को रुपये दस लाख का स्वास्थ्य बीमा और विभिन्न घटनाओं के कारण आकस्मिक निधन की स्थिति में शिक्षकों को रुपए 20 लाख का सामूहिक बीमा कवर दिया जाए।
- शिक्षक की असामयिक मृत्यु की दशा में बेसिक शिक्षा विभाग में होने वाली अनुकंपा आधार पर नियुक्ति में शिक्षक पद की वांछित योग्यता ना होने की स्थिति में तृतीय श्रेणी कर्मचारी की योग्यता रखने वाले आश्रितों की नियुक्ति अनिवार्य रूप से लिपिक पद पर किए जाने के संबंध में शासनादेश निर्गत किया जाए।
- बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों को बर्खास्त किए जाने का अधिकार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी में निहित है बीएसए के असंवैधानिक कृत्यों का विरोध करने पर इसका खामियाजा शिक्षक प्रतिनिधियों या शिक्षकों को बर्खास्तगी के रूप में उठाना पड़ता है। इसलिए माध्यमिक शिक्षा विभाग की भांति बेसिक शिक्षा में भी शिक्षकों को बर्खास्त किए जाने का अधिक बीएसए से उच्च ए०डी० बेसिक अथवा अन्य किसी उच्चाधिकारी में निहित किया जाए।
- प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पदोन्नति होने पर क्रमशः 17140 एवं 18150 का लाभ केंद्र से जारी नोटिफिकेशन 28 सितंबर 2018 के अनुक्रम में शासनादेश जारी किया जाए।
- विद्यालयों की सुरक्षा के लिए एक चैकीदार या विद्यालय सेवक सुरक्षा सेवक की नियुक्ति करने के संबंध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा 9 सितंबर 2019 को मांग की गई थी जो अभी तक लंबित है। अतः प्रत्येक विद्यालय में एक ही चैकीदार या विद्यालय सेवक या सुरक्षा सेवक की नियुक्ति की जाए।
ज्ञापन देने वालों में जिला संयोजक ऋषिकेश गुप्त, अजय कुमार त्रिपाठी, पवन कुमार पटेल, डॉक्टर सुधाकर राय, शिवाजी यादव, जिला सह संयोजक प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, अच्छे लाल चौहान, राजकुमार सिंह, हरि त्रिपाठी, अभिषेक जायसवाल, वीरेंद्र त्रिपाठी, ईश्वरचंद, रविंद्र शर्मा, गिरीश चौधरी, अजय त्रिपाठी, विमलेश राय, अवधेश कुमार सहित अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।
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