डीबीएस न्यूज़,लक्ष्मीपुर : प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी का लाभ दिलाने के नाम पर गरीबों से पैसा ऐंठने वालों की अब खैर नहीं है। ऐसे लोगों का डूडा कार्यालय तलाश कर रही हैं, जो लोगों को बहला-फुसलाकर विभाग के नाम पर पैसा ऐंठ लेते हैं। इस संबंध में पीओ डूडा ने मातहतों को निर्देश दिया है कि विभाग में आने वाले ऐसे चेहरों पर नजर रखें, जिसने आवास के लिए आवेदन नहीं किया है। वह अक्सर विभाग की ओर मंडराते रहते हैं। जांच के बाद ऐसे लोगों पर केस दर्ज कराकर जेल भेजा जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में लाभार्थी को तीन किस्तों में ढाई लाख रुपये दिए जाते हैं। पहली किस्त 50 हजार रुपये तब भेजी जाती है जब जमीन का चिह्नांकन होकर जीओ टेग हो जाए। दूसरी किस्त डेढ़ लाख रुपये फाउंडेशन तैयार करने के बाद दिया जाता है। तीसरी किस्त 50 हजार रुपये दिवाल खड़ें होने के बाद दिया जाता है। लेकिन लोगों को आवास दिलाने के नाम पर यहां बड़ा रैकेट काम कर रहा है। लोगों से पैसा लेकर आवास दिलवाने की चर्चाएं हैं। आवास दिलाने के नाम पर लूट मची है। इसमें सर्वे करने वालो की मिली भगत की भी चर्चा है। पीओ डूडा के संज्ञान में आने पर उन्होंने सख्ती अपनाया है। विभाग के सभी कर्मचारियों को कड़ा निर्देश दिया है कि वह विभाग में आने जाने वालों पर कड़ी नजर रखें। एक-एक पत्रावली की गहन जांच पड़ताल होगी। पता लगाया जाएगा कि कौन किसका पैरवी कर रहा है। पैरवी वाले पत्रावलियों पर विशेष नजर रखा जाएगा। उसमें गड़बड़ी की अधिक गुंजाइश रहती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में धांधली नई बात नहीं है। यह कई साल से चली आ रही है। तत्कालीन सीडीओ पवन अग्रवाल करीब डेढ़ साल पहले खुद कई बार डूडा कार्यालय में छापा मार चुके थे। जांच पड़ताल में गड़बड़ी आने पर सर्वे करने वाली पूरी टीम को हटवा दिया था।
प्रधानमंत्री आवास योजना में कुछ लोगों द्वारा गड़बड़ी का मामला सामने आया है। ऐसे लोगों को चिह्नित किया जा रहा है, जो लोग विभाग के आसपास मंडराते रहते हैं। इन लोगों की कार्य प्रणाली की जांच कराकर आरोप सिद्ध होने पर केस दर्ज कराया जाएगा।