डीबीएस न्यूज, निचलौल/महराजगंज: निचलौल तहसील में स्टाम्प की ब्लैक और कालाबाजारी की चर्चा कई दिनों से हो रही थी। शिकायते भी होती रही लेकिन कोई सज्ञान लेने वाला नही था। स्टांप वेंडर मनमाने दाम पर स्टांप की बिक्री कर रहे थे। दोगुने से भी ज्यादा मूल्य लेकर वह जरूरतमंदों को स्टांप दे रहे हैं। मजे की बात यह है कि यह सारा खेल दिनदहाड़े चल रहा था।
जब इसकी भनक एसडीएम प्रमोद कुमार के कानों तक पहुंची तो वह भी पगड़ी बांध निकल लिए हकीकत जानने। और एक आम नागरिक के भेष में एसडीएम ने स्टिंग ऑपरेशन कर जमीनी हकीकत जानी तो शिकायत सही निकला।
निचलौल एसडीएम भेष बदल कर आज निचलौल तहसील परिसर में सभी स्टांप वेंडर /स्टांप विक्रेताओ से स्वयं ₹10 का ₹50 का और ₹100 के स्टांप खरीदने निकले। इस दौरान एक स्टांप विक्रेता (करुणेश चौधरी) ने ₹10 का स्टैम्प ₹20 में दिया और बताया कि यह अभी आपको मिल जा रहा है और किसी के पास मिलेगा भी नहीं।
वहीं अन्य स्टांप विक्रेता ने कोई भी स्टांप देने से मना किया और बोले कि इस टाइम नहीं है और उसके लिए आपको जुगाड़ करना पड़ेगा वह भी कल मिलेगा।
एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि स्टाम्प बिक्री में कालाबाजारी की शिकायत कई दिनों से मिल रही थीं इसलिए आज स्टिंग ऑपरेशन किया गया है, जिसमे तय मूल्य से अधिक बेचने का मामला सामने आया है। इस मामले में तहसील में स्थित स्टांप वेंडर/ स्टांप विक्रेता को स्पष्टीकरण हेतु तलब किया गया है, संतोषजनक जवाब नहीं प्राप्त होने की स्थिति में उच्चाधिकारियों को इनके खिलाफ कार्रवाई हेतु प्रेषित कर दिया जाएगा।
इस संबंध में जब कोषाधिकारी शालिग्राम से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि कोषागार में पर्याप्त स्टाम्प है। मूल्य से अधिक स्टाम्प की बिक्री गलत है। अगर ऐसा किया जा रहा तो जांच कर दोषी पाए गए विक्रेताओं के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।