डीबीएस न्यूज, नौतनवां: समाधान पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के त्वरित और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करने के लिए नौतनवा क्षेत्राधिकारी अजय सिंह चौहान को सम्मानित किया गया।
सरकार द्वारा जनता की समस्याओं व शिकायतों के निस्तारण करने के उद्देश्य से संचालित आइजीआरएस पोर्टल पर नवंबर माह में नौतनवा सीओ अजय सिंह चौहान को उनके गुणवत्तापूर्ण और उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें प्रथम स्थान मिला है।
- आपको बता दें कि समाधान पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के त्वरित और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करने के लिए हर माह मासिक मूल्यांकन प्रपत्र जारी होता है जिसके द्वारा पुलिस अधिकारियों को उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों और गुणवत्तापूर्ण सेवा के लिए फीडबैक व रेटिंग के आधार पर सम्मानित किया जाता है। इसी क्रम में पिछले 13 सितंबर को अजय सिंह चौहान ने नौतनवा में क्षेत्राधिकारी का कार्यभार ग्रहण किया था। इसके बाद से अपने तत्परता की बदौलत उत्कृष्ट कार्य करने और गुणवत्तापूर्ण सेवा देने के कारण उन्हें प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है वही उन्हें कर्मवीर की संज्ञा से नवाजा गया है।
नौतनवा सर्किल के सभी थानाध्यक्ष चौकी इंचार्ज सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने भी सीओ अजय सिंह चौहान को उनके उत्कृष्ट कार्यों और गुणवत्ता प्राप्त सेवा के लिए मिले इस सम्मान की लोगों ने बधाइयां और शुभकामनाएं दिए और गौरवान्वित महसूस किए।
ऐसे होती है निगरानी
आवेदक को अपना मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से लिखना होता है। जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, एसएसपी के स्तर से न्यूनतम 50 फीसद और अन्य जिलास्तरीय अधिकारी सौ फीसद संदर्भ अधीनस्थ अधिकारियों को आख्या के लिए ही अग्रसारित करते है। शिकायत के निस्तारण के बाद आवेदक तत्काल मोबाइल ऐप या पोर्टल के माध्यम से फीडबैक देते हैं। यदि चार दिन तक आवेदक स्वयं फीडबैक दर्ज नहीं करते हैं तो कॉल सेंटर के माध्यम से फीडबैक लिया जाता है। अनुमोदनकर्ता या निस्तारणकर्ता अधिकारी के स्तर से पुनर्जीवित संदर्भ में फिर असंतुष्ट का फीडबैक मिला तो वह फिर अपने स्तर से उसे पुनर्जीवित नहीं कर सकते। सात दिन से अधिक समय से लंबित प्रस्तावों की संख्या के अनुसार मासिक मूल्यांकन रिपोर्ट में श्रेणीकर्ता उच्चाधिकारी के अंक कटते है। मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर से पोर्टल पर समस्त स्तरों पर अत्यधिक समय से लंबित और निस्तारित संदर्भों का मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा रैंडम आधार पर परीक्षण किया जाता है। असंतोषजनक निस्तारण पाए जाने पर शिकायतों को विशेष सचिव या उच्च स्तर के अधिकारी श्रेणीकरण करते हुए पुनर्जीवित किरते है और ऐसे प्रकरण मुख्यमंत्री के सामने रखे जाते है। शासन और निदेशालय स्तर से अपने विभाग की शिकायतों और उनके निस्तारण की निगरानी की जाती है। फीडबैक के बाद स्पेशल क्लोज किए गए या दो माह से अधिक समय तक लंबित मामलों के परीक्षण के लिए मंडल स्तर से अपर आयुक्त की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की टीम गठित की जाती है। समाधान पोर्टल में स्पेशल क्लोज किए गए न्यूनतम 40 प्रकरणों का भौतिक सत्यापन भी क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान करवाया जाता हैं।