डीबीएस न्यूज, महराजगंज: निचलौल तहसील क्षेत्र ग्राम सभा सेमरहना में मन्दिर बाबा क्षत्रनाथ धाम ,भगवान भोलेनाथ मां पार्वती का प्राचीन मंदिर, मंदिर प्रांगण में कुछ अराजक तत्वो का रहता है जमावड़ा। ग्रामीणों का दावा है कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा नशा से लेकर कुछ ऐसा नहीं बंचा जो परिसर में न होता हो।
उल्लेखनीय है कि जनपद महाराजगंज के निचलौल तहसील क्षेत्र का ग्राम सभा सेमरहना जिसको गांव के शराबियों, जुआरियों ने बना लिया है अपना ठेकाना जहां प्रतिदिन मछली, और मांस, एक साथ शराब का बोतल लेकर गैंग बनाकर करते रहते है नशा। मंदिर पर रहने वाले साधु संतों के मना करने पर भद्दी भद्दी गाली देना और मारना पीटना आए दिन का पेसा सा बन गया है। इतना ही नहीं मंदिर के नाम से जो भी जमीन जायजात है उसको दबंगई के बल पर जबरदस्ती कब्जा करके जोतना बोना पैदा करना और अपने घर उठा ले जाना इन लोगों की आदत बन गई है। जिस पर साधु द्वारा पूछने और मांगने पर उन लोग द्वारा मारा-पीटा जाता है। और मंदिर से बाहर खदेड़ दिया जाता है यदि किसी व्यक्ति के द्वारा जाकर पूछा जाता है तो साधु को उक्त लोगों द्वारा धमकी आती है कि यदि अपने मारने पीटने की बात किसी से कहोगे तो तुम को रात में ही जान से मार दिया जाएगा जिसके डर के कारण साधु अपनी बातों को किसी के साथ शेयर नहीं कर सकते।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लगभग 15 वर्ष पूर्व गांव के तथाकथित लोगों द्वारा एक पेड़ में साधु को लटका कर मार दिया गया था। वहीं दूसरी बात एक और साधु को गला घोट कर मारा गया था। हाल ही में मंदिर परिसर में काम करवाने गए लेबर मजदूरों को लेकर संतोषी नाथ गिरी ,ध्रुव नाथ गिरी को भी गांव के लोगों द्वारा भद्दी भद्दी गाली देते हुए लाठी-डंडे से लैस होकर मारने के लिए दौड़ा लिया गया किसी तरह से इन लोगों ने भाग कर अपना जान बचाया जिसकी सूचना निचलौल पुलिस को एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से संतोषी नाथ गिरी द्वारा दिया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रभारी निरीक्षक निचलौल द्वारा कुछ लोगों को थाने बुलाकर के समझा-बुझाकर के छोड़ दिया गया लेकिन रवैया जस की तस बनी हुई है। कुछ समय पहले इसकी सूचना प्रार्थना पत्र के माध्यम से पुलिस अधीक्षक महाराजगंज को भी दी गई थी जिसको संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधीक्षक महाराजगंज प्रभारी निरीक्षक निचलौल को आदेशित किया था। लेकिन इस पोजीशन को देखते हुए लगता ऐसा है। पुलिस बल से तेज उस गांव के लोग हैं। जो जबरदस्ती मंदिर परिसर में शराब, गाजा ,मछली, मीट, जुआ खेलना पेशा बन दिए है। जिसका विरोध करने पर साधु महात्माओं को गाली देने का मारने पीटने का काम भी करते रहते हैं। जो खेद का विषय है। यदि प्रशासन द्वारा इसको गंभीरता से नहीं लिया गया तो आने वाले समय में कुछ अप्रिय घटनाएं हो सकती हैं जिससे निपटने के लिए प्रशासन को काफी मसक्कत उठानी पड़ सकती है।