डीबीएस न्यूज, महराजगंज: परसामलिक थाना क्षेत्र के महदेइया गांव में 18 नवंबर की रात मंदिर परिसर में हुई साधु रामरतन मिश्र व साध्वी कलावती की हत्या मामले में पुलिस ने आज मामले का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने हत्या का अनावरण करते हुए मीडिया को बताया कि हत्या प्रायोजित नही थी बल्कि हत्या में चोर शामिल थे। यह सुराग 25 नवंबर की देर रात रोहिन नदी के समीप नौतनवा थाना क्षेत्र के समय माता मंदिर की दान पेटी व अन्य सामानों की चोरी के आरोप में पकड़े गए एक चोर से मिला था।
बतांदें की 18 नवम्बर को हुए इस डबल मर्डर की पहेली सुलझाने के लिए पुलिस की पाँच टीमें जांच में जुटी थीं। पुलिस ने इस मर्डर केस का सफल अनावरण करते हुए तीन अभियुक्तों को गिरिफ्तार किया है दो आभियुक्त कैथवलिया उर्फ बरगदही निवासी संतोष विश्कर्मा व निराला नगर फरेंदा निवासी रोहित विश्कर्मा मुख्य रूप से चोर हैं जो मन्दिर में चोरी करने के लिए गये थे घण्टी चोरी करते समय पुजारी एवं साध्वी द्वारा शोर मचाने पर इन्होंने दोनों की हत्या कर दी थी।
ये दोनों चोर नौतनवां बर्तन गली में एक व्यापारी मिट्ठू कौशल को मन्दिर से चुराई गयी घँटी बेची थी। पुलिस ने इसे भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इस पूरे मामले में सर्विलांस सेल व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मदद से और पुलिस मुखबिर की खास सुचना पर घटना में शामिल अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।
आपको बता दें कि पुलिस को इस मामले के खुलासे में बड़ी मशःकत करनी पड़ी। इसी बीच महदेइया के ग्रामीणों ने परसामलिक पुलिस पर पूछताछ के दौरान एक युवक को पीटने का आरोप मढ़ चक्का जाम कर दिया था। स्थिति को संभालने में पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को मशक्कत करनी पड़ी थी। एसपी ने मारपीट के मामले में जांच का आश्वासन दिया था। जिसमे एसपी ने परसामलिक एसओ को लाइन हाजिर कर दिया था। इसके पहले वे सोहगीबरवा थाने के एसओ थे।
एसपी ने बताया कि सर्विलांस सेल व इलेकट्रानिक उपकरणों की मदद से पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर घटना में शामिल अभियुक्त संतोष (सोनू) विश्वकर्मा को हरदीडाली से गिरफ्तार किया। उसके पास से एक मोबाइल बरामद हुआ। ये मोबाइल साध्वी कलावती देवी का था, जो गायब हो गया था। उसके बाद सोनू ने घटना में शामिल अन्य व्यक्ति रोहित के बारे में बताया कि रोहित मेरे बड़े भाई राजू का साढू है जो मेरा मित्र है । जो फरेन्दा कस्बा स्थित मुहल्ला निराला नगर में रहता है जिसे पुलिस ने सोनू की निशानदेही पर उसके घर पर छापा मारकर पकड़ लिया था।
उसके बाद दोनों ने अपना जुर्म कबूल किया कि उन्होंने ने ही चोरी करने मंदिर में गए थे जब साधु और साध्वी जग गए और डण्डे लेकर उन्हें दौड़ाने लगे तब डंडे और पत्थर से दोनों की हमने हत्या कर दिया।