डीबीएस न्यूज। इस बार दुर्गा अष्टमी, महानवमी और दशहरा की तिथियों को लेकर लोगों में दुविधा की स्थिति है। आपको बता दें कि हिन्दी पंचांग के आधार पर तिथियां अंग्रेजी कैलेंडर की तारीखों की तरह 24 घंटे की नहीं होती हैं। ये तिथियां 24 घंटे से कम और ज्यादा की हो सकती हैं। कई बार ये तिथियां एक ही तारीख को पड़ जाती हैं, जिससे दो व्रत या त्योहार एक ही दिन पड़ जाते हैं। नवरात्रि की महाष्टमी, महानवमी और दशमी तिथि को लेकर आप परेशान न हों, हम आपको बता रहे, इन तिथियों की सही तारीख और समय-
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि
इस वर्ष अष्टमी तिथि का प्रारंभ आज 23 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 57 मिनट पर हुआ है, जो कल 24 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 58 मिनट तक है। ऐसे में इस वर्ष महाअष्टमी का व्रत 23 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन महागौरी की पूजा की जाती है।
शारदीय नवरात्रि की महानवमी तिथि
इस वर्ष महानवमी तिथि का प्रारंभ कल 24 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 58 से हो रहा है, जो अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 41 मिनट तक है। ऐसे में आपको महानवमी का व्रत कल यानी 24 अक्टूबर को रखना है। महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
कन्या पूजन
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजन या कुमारी पूजा 24 अक्टूबर को करना है। हालांकि महाष्टमी और महानवमी दोनों ही तिथियों को कन्या पूजन किया जाता है।
दशहरा या विजयादशमी
शारदीय नवरात्रि की दशमी तिथि का प्रारंभ 25 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 41 मिनट से हो रहा है, जो 26 अक्टूबर को सुबह 09 बजे तक है। ऐसे में इस बार 26 अक्तूबर, सोमवार को दशमी तिथि आने पर भी दशहरा 25 अक्तूबर, रविवार को इसलिए मनाया जा रहा है क्योंकि रावण दहन रात्रि में ही किया जाता है।
विजयादशमी पूजा मुहूर्त
विजयादशमी की पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 12 मिनट से दोपहर 03 बजकर 27 मिनट तक है. इस दिन विजयादशमी का मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक है। इस दिन भगवान राम, देवी अपराजिता तथा शमी के पेड़ की पूजा की जाती है।
दशहरे के दिन होती है शस्त्र पूजा
इस दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए। इससे सम्पूर्ण बाधाओं का नाश होगा और जीवन में विजय श्री प्राप्त होगी। इस दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा करना बड़ा फायदेमंद होता है। दशहरे के दिन शस्त्रों की पूजा होता है, इस दिन सनातन परंपरा में शस्त्र और शास्त्रा दोनों का खास महत्व है। शास्त्र की रक्षा और आत्मरक्षा के लिए धर्मसम्म्त तरीके से शस्त्र का प्रयोग होता है।
विजय दशमी पर पूजा के फायदे
इस दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए। इससे सम्पूर्ण बाधाओं का नाश होगा और जीवन में विजय श्री प्राप्त होगी। इस दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा करना बड़ा फायदेमंद होता है। नवग्रहों को नियंत्रित करने के लिए भी दशहरे की पूजा अद्भुत होती है।
दुर्गा मूर्ति विसर्जन
मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन सोमवार को 26 अक्टूबर को होगा। उस दिन आपको सुबह 06:29 बजे से सुबह 08:43 बजे के मध्य दुर्गा विसर्जन कर देना चाहिए।