डी बी एस न्यूज, नौतनवां: साल 2005 में जब सूचना का अधिकार (आरटीआई) क़ानून लागू हुआ था तो इसे भ्रष्टाचार से लड़ने के सशक्त हथियार के रूप में देखा गया था।
यह कानून यकीनन कई बदलाव लेकर आया लेकिन इस क़ानून को लेकर शुरू में जो उत्साह था उसमें धीरे-धीरे कमी होती दिखाई दे रही है इसके जिम्मेदार सीधे रूप से नौतनवां ब्लॉक के बीडीओ जैसे अधिकारी है जिनके लिए कानून का कोई मतलब नही है। इन सरकारी पेचीदगियों के कारण यह क़ानून उतना जनसुलभ नहीं है जितना होने की उम्मीद थी।
नौतनवां ब्लॉक के ग्रामसभा बैरिअहवाँ में नसीरुद्दीन अंसारी पुत्र सद्दीक अंसारी ने नौतनवां बिकास खंड अधिकारी को जान सूचना अधिकार 2005 के तहत 14 मार्च 2019 को अपने ग्रामसभा बैरिअहवाँ से संबंधित कुछ जरूरी सूचना मांगने का आवेदन किया था लेकिन आज 36 दिन हो गए फिर भी कोई भी सूचना आवेदक को नही उपलब्ध कराई गई। जबकि सूचना के अधिकार 2005 के तहत किसी भी अधिकारी को कम से कम 30 दिनों के अंदर सूचना उपलब्ध कराने का संविधानिक प्रबिधान है।
DBS fighting against Corruption