डीबीएस न्यूज, महराजगंज: जनपद में एड्स संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कोविड की दूसरी लहर के दौरान से लेकर अब तक मिलाकर तीन महीने में ही लगभग 400 एड्स रोगी जिले में बढ़ गए हैं। इन नए मरीजों के साथ जिले में एड्स पीड़ितों की संख्या बढ़कर 2800 हो गई है। इनमें से 600 मरीजों में तेजी से सीडी फोर गिर रहा है।
जानकारी के मुताबिक जिले में अप्रैल तक 2400 एड्स पीड़ित पंजीकृत थे। एआरटी सेंटर में पंजीकृत इन पीड़ितों को समय-समय पर बुलाकर स्वास्थ्य जांच के साथ दवा उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन अप्रैल के बाद एड्स पीड़ितों में तेजी से इजाफा हो रहा है। अप्रैल से लेकर जून 2021 तक 400 लोगों में एचआईवी की पुष्टि हुई है। तीन माह में 400 एड्स पीड़ितों में इजाफा होने पर स्वास्थ्य प्रशासन में हलचल बढ़ गई है। जिला अस्पताल परिसर में स्थित एआरटी सेंटर के डॉक्टर लॉकडाउन में दिल्ली, मुंबई सहित अन्य प्रदेशों से घर पहुंचे लोगों को चिह्नित करने और उनकी जांच कराने में जुटा है। जांच में एचआईवी पॉजिटिव मिलने पर उनका रजिस्ट्रेशन कर इलाज शुरू किया जा रहा है। लॉकडाउन में दूसरे राज्य से आए लोगों को जांच के लिए जागरूक किया जा रहा है, ताकि बीमारी का पता समय से चल सके।
एचआईवी व्यक्ति स्तर पर कंट्रोल करने के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है। जागरूकता के साथ ही लॉकडाउन में दूसरे राज्यों से घर आए लोगों की जांच शुरू कर दी गई है। गंभीर रोगियों को एआरटी दवा के साथ संतुलित आहार लेने की सलाह दी जा रही है। डॉ. एवी त्रिपाठी, प्रभारी-एआरटी सेंटर
एड्स क्या है?
जब एचआईवी का इलाज नहीं किया जाता है, तो इससे एड्स हो सकता है। एड्स एचआईवी का तीसरा और सबसे उन्नत चरण है। एक व्यक्ति जिसका एचआईवी का इलाज नहीं किया गया है, उसे एड्स विकसित होने की संभावना रहती है। एड्स होने से पहले एक व्यक्ति लगभग 10 से 15 साल तक एचआईवी वायरस के साथ रह सकता है।
एड्स के लक्षण
रात को पसीना आना, अवसाद, याददाश्त में कमी, अचानक वज़न कम होना, बार-बार बुखार आना, निमोनिया, त्वचा, नाक, पलकें या मुंह पर धब्बे, बिना किसी कारण के थकान महसूस होना।
कैसे फैलता है एड्स
एचआईवी पॉजिटिव पुरुष या महिला के साथ अनसेफ (कॉन्डम यूज किए बिना) सेक्स से, चाहे सेक्स होमोसेक्सुअल ही क्यों न हो।
संक्रमित (इन्फेक्टेड) खून चढ़ाने से।
एचआईवी पॉजिटिव महिला से पैदा हुए बच्चे में। बच्चा होने के बाद एचआईवी ग्रस्त मां के दूध पिलाने से भी इन्फेक्शन फैल सकता है।
खून का सैंपल लेने या खून चढ़ाने में डिस्पोजेबल सिरिंज (सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल में आने वाली सुई) न यूज करने से या फिर स्टर्लाइज किए बिना निडल और सिरिंज का यूज करने से। हेयर ड्रेसर (नाई) के यहां बिना स्टर्लाइज्ड (रोगाणु-मुक्त) उस्तरा, पुराना इन्फेक्टेड ब्लेड यूज करने से।
सलून में इन्फेक्टेड व्यक्ति की शेव में यूज किए ब्लेड से। सलून में हमेशा नया ब्लेड यूज हो रहा है, यह इंशुअर करें।